आरयू वेब टीम।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण में इस्तेमाल करने वाली भाषा पर पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और अन्य कांग्रेस नेताओं ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को चिट्ठी लिखकर आपत्ति जताई है। मनमोहन सिंह ने अपने लेटर में कर्नाटक चुनाव प्रचार में मोदी के द्वारा कांग्रेस को ‘लेने के देने पड़ जाएंगे’ वाले बयान पर घोर आपत्ति जताई है।
सोमवार को कांग्रेस की ओर से राष्ट्रपति की चिट्ठी में यह भी साफ लिखा है कि प्रधानमंत्री कांग्रेस को धमकाने का काम कर रहे हैं। लेटर में मोदी के हुबली में दिए गए भाषण पर आपत्ति जताते हुए कहा कि ऐसी बातें पीएम पद पर बैठे व्यक्ति को शोभा नहीं देतीं।
राष्ट्रपति को लिखी इस चिट्ठी में कहा गया कि देश में इससे पहले जितने भी प्रधानमंत्री हुए, सभी ने सार्वजनिक व निजी कार्यक्रमों पूरी गरिमा और मर्यादा का पालन किया। यह सोचा भी नहीं जा सकता कि लोकतांत्रिक समाज में राष्ट्राध्यक्ष होने के नाते कोई प्रधानमंत्री मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस के नेताओं और सदस्यों के खिलाफ सार्वजनिक रूप से ऐसे शब्दों का प्रयोग करेगा।
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देश के प्रधानमंत्री को किसी के खिलाफ इस प्रकार की भाषा का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से आग्रह किया है कि वे प्रधानमंत्री को कांग्रेस नेताओं के खिलाफ ऐसी धमकाने वाली भाषा के इस्तेमाल से रोकें। इस खत में मनमोहन सिंह समेत अन्य बड़े कांग्रेस नेताओं के दस्तखत हैं।
बता दें कि कर्नाटक में चुनाव प्रचार करते हुए छह मई को हुबली में बीजेपी के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार बीएस येदियुरप्पा के खिलाफ बेबुनियाद आरोप लगाने को लेकर कांग्रेस पर पलटवार करते हुए मोदी ने उसे नेशनल हेराल्ड मामले की याद दिलाई, जिसमें मां-बेटे (सोनिया गांधी और राहुल) घोटाला के आरोपों का सामना कर रहे हैं और जमानत पर हैं।
इतना ही नहीं उन्होंने यह भी कहा था कि येदियुरप्पा ने अदालतों का सामना किया है। मोदी ने धमकी भरे लहजे में कहा था कि, ‘कांग्रेस के नेता कान खोलकर सुन लीजिए, अगर सीमाओं को पार करोगे तो ये मोदी है लेने के देने पड़ जाएंगे।
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