आरयू ब्यूरो, लखनऊ/सोनभद्र। सोनभद्र नरसंहार के पीड़ित परिवार से शनिवार को मिलने के बाद प्रियंका गांधी ने अपना धरना ये कहते हुए खत्म कर दिया कि उनका उद्देश्य अब पूरा हो गया है। साथ ही उन्होंने ये घोषणा भी की कि कांग्रेस घटना में मारे गए व्यक्ति के परिजनों को दस-दस लाख रुपये का मुआवजा देगी।
सोनभद्र नरसंहार के पीड़ित परिजन प्रियंका गांधी से मिलने चुनार गेस्ट हाउस पहुंचे तो प्रियंका गांधी भावुक हो गईं। पीड़ित परिवार की महिलाएं अपना दर्द बयां करते हुए रोने लगीं तो भावुक प्रियंका ने पीड़ितों के आंसू पोंछते हुए गले से लगा लिया। प्रियंका गांधी ने उनकी हिम्मत बढ़ाई और इंसाफ दिलाने का वादा किया। साथ ही पीड़ित के परिजनों को कांग्रेस पार्टी दस-दस लाख मुआवजा भी देने की घोषणा की।
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वहीं प्रियंका ने प्रशासन के रवैये के प्रति नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि जिनसे मिलने के लिए मैं आई थी, अब उन्हें मुझसे मिलने आना पड़ा। प्रियंका ने सवाल उठाते हुए कहा, आखिर पीड़ित परिजनों से मिलने पर प्रशासन को क्या आपत्ति है।
18 पीड़ित परिवार के लोगों की प्रियंका गांधी से मुलाकात पर कांग्रेस का कहना है कि जब परिवार वालों ने सुना कि प्रियंका गांधी को हिरासत में ले लिया गया है, तो वे शुक्रवार शाम चार बजे ही उनसे मुलाकात करने के लिए निकल पड़े और इस दौरान पीड़ित परिवार ने रातभर चलने के बाद 70 किलो मीटर की दूरी तय कर शनिवार को प्रियंका से मुलाकात की। प्रियंका से मुलाकात कर परिवार काफी देर तक रोते रहे।
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वहीं इस संबंध में वरिष्ठ कांग्रेस नेता अजय कुमार लल्लू ने बताया कि कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी और मिर्जापुर जिला प्रशासन के बीच का गतिरोध समाप्त हो गया है। उन्होंने बताया कि प्रियंका गांधी ने सोनभद्र के पीडित परिवार वालों से मुलाकात कर ली है। साथ ही यह भी बताया कि प्रियंका ने सात महिलाओं सहित 15 लोगों से मुलाकात की और मुलाकात के बाद प्रियंका वाराणसी लौट गयी, लेकिन साथ ही कह गयी कि वह फिर आयेंगी।
टीएमसी प्रतिनिधिमंडल को पुलिस ने एयसरपोर्ट पर रोका
प्रियंका गांधी को समर्थन देने और गोलीकांड के पीड़ितों से मिलने जा रहे तृणमूल कांग्रस (टीएमसी) के चार सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल को यूपी पुलिस ने शनिवार सुबह वाराणसी स्थित लाल बहादुर शास्त्री इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर रोक लिया, जिसके बाद विरोध में टीएमसी सांसद वाराणसी एयरपोर्ट पर धरने पर बैठ गए हैं। उधर, छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल भी मिर्जापुर के सुनार गेस्ट हाउस पहुंच रहे हैं, जहां प्रियंका को हिरासत में रखा गया।
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यूपी में संवेदनाओं की मौत का खौफ पसरा हुआ है। अजय सिंह बिष्ट सरकार इस क्रंदन को नजरंदाज कर संवेदनहीनता की नई मिसाल पैदा कर रही है। इस विलाप से निकले हर एक आंसू का हिसाब लिए बिना हम पीछे नहीं हटेंगे।#PriyankaFightsForPeople pic.twitter.com/04AwqQbKKK
— Congress (@INCIndia) July 20, 2019