मोदी की कैबिनेट में तीन एयरपोर्ट्स के प्रबंध को प्राइवेट हाथों में सौंपने सहित इन फैसलों को भी मिली मंजूरी

मोदी की कैबिनेट
फाइल फोटो।

आरयू वेब टीम। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई कैबिनेट बैठक में कई महत्‍वपूर्ण फैसले को मंजूरी दी है। कैबिनेट बैठक में मोदी सरकार ने देश के तीन एयरपोर्ट को लीज पर पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप के जरिए देने की मंजूरी दी है। साथ ही राष्ट्रीय भर्ती संस्था (एनआरए) को अधीनस्थ पदों के लिए कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट आयोजित करने का अधिकार दे दिया गया है। इसके अलावा, गन्ने का उचित एवं लाभकारी (एफआरपी) दाम 10 रुपये बढ़ाकर 285 रुपये कुंतल करने को मंजूरी दी गई है।

कैबिनेट में लिए गए फैसलों की मीडिया को जानकारी देते हुए केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बताया कि कैबिनेट की तरफ से देश के तीन और एयरपोर्ट को लीज पर पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरिशिप के जरिए देने की मंजूरी दी गई। ये एयरपोर्ट जयपुर, गुवाहाटी, तिरुवनंतपुरम हैं।

साथ ही नेशनल जावड़ेकर ने कहा कि देश में करीब 20 रिक्रूटमेंट एजेंसी हैं। ये सब समाप्त करते हुए सरकार ने एक ऐतिहासिक फैसला लिया है। नेशनल रिक्रूटमेंट एजेंसी (राष्ट्रीय भर्ती संस्था) अब कॉमन एलिजबिलिटी टेस्ट (सीईटी) लेगी। इसका फायदा करोड़ों युवाओं को होगा, जो नौकरी के लिए आवेदन करते हैं। उन्‍होंने कहा कि वर्षों से युवाओं की ये मांग थी, लेकिन अबतक इस पर फैसला नहीं लिया गया था। इस एक फैसले से युवाओं की तकलीफ भी दूर होगी और उनका पैसा भी बचेगा। युवाओं को अब एक ही परीक्षा से आगे जाने का मौका मिलेगा।

…एक करोड़ किसानों को होगा फायदा

वहीं प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि कैबेनिट ने एक करोड़ गन्ना किसानों को लिए भी फैसला लिया है। सरकार ने लाभकारी मूल्य बढ़ा दिया है। अब 285 रुपये प्रति क्विवंटल का दाम तय हुआ। ये 10 फीसदी रिकवरी के आधार पर है। अगर 11 फीसदी रिकवरी होती है तो 28 रुपये 50 पैसे प्रति क्विवंटल ज्यादा मिलेंगे। इससे एक करोड़ किसानों को फायदा होगा।अगर रिकवरी 9.5% या उससे भी कम रहती है तो भी गन्ना किसानों को संरक्षण देते हुए 270 रुपये दाम मिलेगा। उन्होंने बताया कि इथेनॉल भी सरकार अच्छे दाम पर लेती है। सरकार ने पिछले साल 60 रु. प्रति लीटर के दाम पर 190 करोड़ लीटर इथेनॉल खरीदा था।

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एफआरपी को गन्ना (नियंत्रण) आदेश 1966 के तहत तय किया जाता है। यह गन्ने का न्यूनतम मूल्य होता है जिसे चीनी मिलों को गन्ना उत्पादक किसानों को भुगतान करना होता है। सरकार का अनुमान है कि चालू विपणन सत्र में गन्ने का कुल उत्पादन 280 से 290 लाख टन रह सकता है। गन्ने का चालू विपणन सत्र अगले महीने समाप्त हो रहा है। पिछले साल 2018- 19 में देश में 331 लाख टन गन्ने का उत्पादन हुआ था। महाराष्ट्र और कर्नाटक में गन्ने की खेती में कमी आने से चालू विपणन सत्र में उत्पादन कम रहने का अनुमान है।

इसके अलावा उन्होंने कहा कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने उज्जवल डिस्कॉम एश्योरेंस योजना के तहत पिछले साल के राजस्व के कार्यशील पूंजी की 25 फीसदी की सीमा से ऊपर डिस्कॉम को ऋण देने के लिए पावर फाइनेंस कॉर्पोरेशन और रूरल इलेक्ट्रिफिकेशन कॉरपोरेशन को एकमुश्त छूट देने की मंजूरी दी।

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