आरयू वेब टीम। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ‘मोदी जी की सेना’ वाले बयान पर चुनाव आयोग ने यूपी के गाजियाबाद के डीएम से जहां रिपोर्ट मांगी है। वही विपक्षी दलों ने उन्हें घेरते हुए माफी मांगने की मांग की है। चुनाव आयोग ने मीडिया रिपोर्ट का संज्ञान लेते हुए रिपोर्ट तलब की है। गाजियाबाद के डीएम अपनी रिपोर्ट यूपी के मुख्य चुनाव अधिकारी को भेजेंगे।
बता दें कि लोकसभा चुनाव के मद्देनजर एक रैली के दौरान यूपी के सीएम योगी ने भारतीय सेना के लिए ‘मोदी जी की सेना’ शब्द का इस्तेमाल कर दिया था। इसे विपक्ष ने सेना का अपमान बताया है। दरअसल, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रविवार को गाजियाबाद में एक रैली को संबोधित कर रहे थे, तब उन्होंने ‘कांग्रेस के लोग’ के साथ विपरीत शब्द के संदर्भ में उन्होंने बार-बार ‘मोदी जी की सेना’ शब्द का इस्तेमाल किया था।
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गाजियाबाद में योगी ने कहा था कि ‘कांग्रेस के लोग आतंकवादियों को बिरयानी खिलाते थे और ‘मोदी जी की सेना’ उन्हें सिर्फ गोली और गोला देती है। यह अंतर है। कांग्रेस के लोग मसूद अजहर जैसे आतंकियों के लिए जी का इस्तेमाल करते हैं, मगर पीएम मोदी के नेतृत्व में बीजेपी सरकार आतंकियों के कैंप पर हमले कर उनका कमर तोड़ती है।
योगी ने आगे कहा था कि कांग्रेस के लिए जो नामुमकिन होता है, वह पीएम मोदी के लिए मुमकिन होता है, क्योंकि पीएम मोदी के लिए असंभव भी संभव बन जाता है। सीएम ने कहा कि पाक रो रहा है, लेकिन भारत के अंदर के विपक्षी दल केवल वोट बैंक के लिए सबूत मांग रहे हैं।
हालांकि, इस पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि यूपी के सीएम द्वारा यह कहना कि भारतीय सेना ‘मोदी की सेना’ है, हैरान करने वाला है। ऐसा बेखौफ वैयक्तिकीकरण और इस तरह हमारी प्रिय भारतीय सेना को हड़पना बेहद अपमानजनक है।
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वहीं कांग्रेस की प्रियंका चतुर्वेदी ने योगी आदित्यनाथ पर इस बयान को लेकर हमला किया है और उन्होंने उनसे माफी की मांग की है। उन्होंने ट्वीट किया कि ‘यह हमारी भारतीय सेना का अपमान है। वे भारतीय सेना के जवान हैं, किसी प्राइवेट प्रचार मंत्री के नहीं। योगी आदित्यनाथ को माफी मांगनी चाहिए।