आरयू ब्यूरो,
लखनऊ। देश के अलग-अलग राज्यों से कवि, महिला वकील, प्रोफेसर व बुद्घजीवियों की गिरफ्तारी पर बुधवार को पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने विरोध जताया है। मोदी सरकार पर हमला बोलते हुए मायावती ने कहा कि देशभर में जिस तरह से गिरफ्तारियां हुई हैं, ये केंद्र की भाजपा सरकार की निरंकुशता व सत्ता के दुरुपयोग की पराकाष्ठा को दर्शाता है।
मायावती ने अपने बयान में कहा कि मोदी सरकार ने अपनी विफलताओं से ध्यान हटाने के लिए ऐसी कार्रवाई की है। भाजपा सरकार के इस रवैये से लोगों में आक्रोश है, जिसे स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है। बीजेपी सरकारों को अपनी जनविरोधी नीतियों के साथ-साथ लोकतंत्र विरोधी नीतियों और कार्यप्रणाली से बचना चाहिए।
दलितों-आदिवासियोंं के हितों के लिए संघर्ष करने वालों को किया जा रहा टारगेट
बसपा सुप्रीमो ने आगे कहा कि नक्सल समर्थक के नाम पर देश के कई राज्यों से कवि, वकील, प्रोफेसर और बुद्धिजीवियों की गिरफ्तारी हुई है। वो सही नहीं है। इतना ही नहीं उन्होंने कहा कि भीमा कोरेगांव हिंसा के संबंध में जिन लोगों के खिलाफ पुलिस में एफआइआर है, उन्हें गिरफ्तार कर न्याय-व्यवस्था को बहाल करने के बजाय इसकी आड़ में उन विख्यात लोगों को टारगेट किया जा रहा है, जो दलितों, आदिवासियों व पिछड़ों के हितों के लिए संघर्ष करते रहे हैं। जिनका सार्वजनिक जीवन खुली किताब की तरह लोगों के सामने है।
बसपा मुखिया इतने पर ही नहीं रूकी उन्होंने मोदी सरकार पर हमला जारी रखते हुए कहा कि महिला सामाजिक कार्यकर्ताओं व अन्य बुद्धिजीवी लोगों पर बीजेपी सरकार द्वारा नफरत फैलाने का आरोप भी काफी बेतुका व विद्वेषपूर्ण लगता है।
वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हत्या की साजिश रचने के बीजेपी सरकार के तर्क पर निशाना साधते हुए मायावती ने कहा कि जिन छह राज्यों में छापे व पांच लोगों की हुई गिरफ्तारियां, गुजरात में भाजपा सरकार के उस दौर की याद दिलाता है जब मुख्यमंत्री की हत्या की साजिश को विफल करने की आड़ में लगातार फर्जी पुलिस इनकाउंटर हुआ करते थे।
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