आरयू ब्यूरो,
लखनऊ। अगामी लोकसभा चुनाव में सपा-बसपा के गठबंधन पर भले ही सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव ऐतराज जता चुके हों, लेकिन सपा मुखिया अखिलेश यादव पर इसका कोई असर दिखाई पड़ता नजर नहीं आ रहा है। मुलायम के ऐतराज के बाद जहां अखिलेश यूपी में खुद 37 तो मायावती की पार्टी को 38 सीटों पर चुनाव लड़ाने का ऐलान पहले ही कर चुके थे, वहीं अब उन्होंने बसपा के साथ मध्य प्रदेश और उत्तराखंड में लोकसभा चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी है।
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आज की इस घोषणा के दौरान दो राज्यों में लोकसभा चुनाव के लिए किए गए सीटों के बंटवारे का प्रतिशत आपको चौंका सकता है। इन दो राज्यों की 34 लोकसभा सीटों में से बसपा जहां 30 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। वहीं सपा के खाते में चार सीटें आयीं हैं। इस बात की जानकारी आज संयुक्त रूप से बसपा सुप्रीमो मायावती और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मीडिया को दी है। हालांकि इस आंकड़े से इतर बात करें तो एमपी और उत्तराखण्ड में बसपा की स्थिति सपा से बेहतर है।
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दोनों दिग्गज नेताओं की ओर से दी गयी जानकारी के अनुसार अगामी लोकसभा चुनाव में जहां सपा मध्य प्रदेश की 29 लोकसभा सीटों में से मात्र तीन (बालाघाट, टीकमगढ़ और खजुराहो) पर अपने उम्मीदवार उतारेगी, जबकि बसपा सुप्रीमो मायावती बाकी कि 26 सीटों पर अपने पार्टी के प्रत्याशियों को टिकट बांटेंगी।
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वहीं उत्तराखण्ड की पांच सीटों में से भी सपा गढ़वाल (पौढ़ी) सीट पर ही लोकसभा चुनाव लड़ेगी, जबकि बाकी की चार सीटों पर वो बसपा के उम्मीदवारों को लोकसभा पहुंचाने के लिए जोर लगाएगी।