योगी सरकार में अपराधियों को संरक्षण व अपराध को बेनकाब करने वालों पर दर्ज हो रहा मुकदमा: अखिलेश

अपराधियों को संरक्षण

आरयू ब्‍यूरो, लखनऊ। यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने गुरुवार को एक बार फिर योगी सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाएं हैं। अखिलेश ने आज अपने एक बयान में कहा है कि योगी सरकार में अपराधियों को सत्‍ता का संरक्षण मिल रहा है, जबकि अपराध को बेनकाब करने वाले पत्रकारों पर मुकदमा दर्ज किया जा रहा है।

सपा अध्‍यक्ष ने आगे कहा कि यूपी में कानून-व्यवस्था का यह नया तरीका महिलाओं को निराशा में आत्महत्या करने को मजबूर कर रहा है। पिछड़े, दलित और महिलाओं में असुरक्षा की भावना गहरे से घर कर गई है और वे घर-बाहर भयाक्रांत रहती हैं। एक तरह से तो भाजपा राज के जंगलराज में महिला होना ही सबसे बड़ा अपराध हो गया है।

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सीएम योगी पर निशाना साधते हुए अखिलेश ने आगे कहा कि महाराष्ट्र पर ट्वीट कर लोकतंत्र की हत्या का बयान देने वाले मुख्यमंत्री के राज में महिलाओं के खिलाफ अपराध रोकने और अपराधी को पकड़ने के बजाय उसे उजागर करने वाले को ही पकड़ा जा रहा। फतेहपुर में दो नाबालिग बहनों का शव मिलने पर मां का बयान टीवी चैनल पर चलाने के जुर्म में भारत समाचार और न्यूज 18 पर मुकदमा दर्ज कर दिया गया है। 12 और आठ साल की बहनों का शव तालाब में फेंका गया था और उनके सिर तथा आंखों पर चोट के निशान थे। भाजपा राज में विभिन्न कारणों से कई पत्रकारों के उत्पीड़न और हत्या तक की घटनाएं हो चुकी हैं।

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साथ ही अखिलेश ने आज पत्रकारों से यह भी कहा है कि यूपी में दलित समाज की बेटियों पर अत्याचार थमने का नाम नहीं ले रहा। अयोध्या के ग्राम नारा में सत्ता संरक्षित दबंगों द्वारा दलित किशोरी से सामूहिक दुष्कर्म की घटना अत्यंत दुखद है। बेटी को कब इंसाफ मिलेगा यह सवाल सरकार से पीड़ित परिवार का है? मुख्यमंत्री जी के गृह जनपद गोरखपुर में स्कूटी सवार युवतियों का सड़क पर निकलना मुश्किल हो रहा है। महिलाओं के खिलाफ जिस प्रकार बलात्कार, यौन उत्पीड़न और छेड़खानी के मामले बढ़े हैं उससे हताशा और अवसाद में आकर कई बहन-बेटियों को आत्महत्या को मजबूर होना पड़ा है। सरकार पिंक बूथ और मिशनशक्ति जैसे दिखावटी कार्यक्रमों में समय बिता रही। उसका एंटी रोमियों स्‍क्‍वॉएड हवा में है।