जन्माष्टमी पर भाजपा सरकार ने लाखों घरों में कर दिया अंधेरा: अखिलेश

अखिलेश यादव
फाइल फोटो।

आरयू ब्‍यूरो, लखनऊ। जन्‍माष्‍टमी के मौके पर यूपी के कई शहरों के घरों में घंटों बिजली कटौती को लेकर गुरुवार को सपा अध्‍यक्ष अखिलेश यादव ने योगी सरकार पर हमला बोला है। अखिलेश ने आज अपने एक बयान में कहा है कि “सबका साथ, सबका विश्‍वास का नारा देनेवाली भाजपा ने खुद ही इसे बेमानी बना दिया है। सरकार के काम और मंशा से जाहिर है कि जनता की तकलीफों की उसे फिक्र नहीं और सुविधाओं के नाम पर भाजपा नेतृत्व को सिर्फ अपनी सुविधाओं का ही ख्याल रहता है।

हमला जारी रखते हुए सपा अध्‍यक्ष ने कहा कि यही वजहें है कि जन्माष्टमी के पावन पर्व पर भाजपा सरकार ने लाखों उपभोक्ताओं के घरों में अंधेरा कर दिया। श्रीकृष्ण भगवान के जन्म की खुशियों पर पानी डालने का काम पहली बार हुआ है। जनता की श्रद्धा और आस्था के साथ ऐसा खिलवाड़ इससे पहले कभी नहीं हुआ।

अखिलेश ने दावा किया है कि 12 अगस्त को राजधानी लखनऊ सहित प्रधानमंत्री के निर्वाचन क्षेत्र वाराणसी तथा मुख्यमंत्री के गृह जनपद गोरखपुर तक में उपभोक्‍ता बिना बिजली परेशान रहे। मेरठ, मथुरा, प्रयागराज, सहारनपुर, फिरोजाबाद, अलीगढ़, बरेली में घरों की बिजली गुल हुई। उत्तर प्रदेश में त्योहारों पर पर्याप्त बिजली आपूर्ति के बड़े-बड़े दावों का झूठ सामने आ गया है। अपरान्‍ह करीब तीन बिजली की आपूर्ति बंद हो गई और रात तक भी कई जनपदों में स्थिति सामान्य नहीं हो सकी। ऊर्जा मंत्री, उप मुख्यमंत्री, तक के इलाके भी अंधेरे में डूबे रहे।

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अखिलेश ने कहा कि यूपी के सुदूर जनपदों की तो छोड़िए, राजधानी लखनऊ में ठाकुरगंज, चिनहट, गोमतीनगर, जानकीपुरम, महानगर, सरोजनीनगर, बालागंज, चौपटिया, आशियाना, बीकेटी, राजाजीपुरम में विद्युत उपकेंद्रों से बिजली अपूर्ति बंद हो गई। विधायक निवासों में भी बिजली बाधित रही। सच तो यह है कि उत्तर प्रदेश में भाजपा सरकार ने विद्युत स्थिति में सुधार के लिए कोई रूचि नहीं ली। उसके कार्यकाल में एक यूनिट बिजली का उत्पादन नहीं हुआ। समाजवादी सरकार के बने बिजली घरों से ही विद्युत आपूर्ति हो रही है। समाजवादी सरकार में ही अण्डरग्राउण्ड कैबलिंग शुरू हुई थी। भाजपा राज में वह भी अवरूद्ध है।

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यूपी के पूर्व सीएम ने यह भी कहा कि जो स्मार्ट मीटर लगाएं हैं, उनकी गुणवत्‍ता पर भी संदेह है। इस बारे में मुख्यमंत्री तक शिकायतें पहुंची पर कोई कार्यवाही नहीं हुई है। जांच होने पर सच्चाई का पता चल जायेगा। स्मार्ट मीटर के नाम पर कितना घोटाला हुआ है इसकी पोल-पट्टी सार्वजिनक होनी चाहिए। इतने बड़े काण्ड के लिए कौन जिम्मेदार है? अब तक तो कोई जांच या कार्यवाही नहीं हुई है, यह भाजपा राज में घोटाले का नया मामला तो नहीं है?