आरयू वेब टीम। कोरोना संक्रमण की घातक दूसरी लहर के दौरान ऑक्सीजन की किल्लत पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित टास्क फोर्स की ऑडिट रिपोर्ट पर भाजपा और केजरीवाल सरकार के बीच घमासान मचा है। सुप्रीम कोर्ट की ओर से गठित टास्क फोर्स के सदस्य और एम्स के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया ने आरोप-प्रत्यारोप के इस मसले को नया रंग दे दिया है। उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं लगता है कि दिल्ली सरकार ने ऑक्सीजन की मांग चार गुना बढ़ा कर बताई।
एम्स निदेशक डॉक्टर गुलेरिया ने मीडिया को दिए एक बयान में कहा है कि उन्हें नहीं लगता कि दिल्ली ने अपनी ऑक्सीजन डिमांड चार गुना बढ़ाकर बताई है। डॉक्टर गुलेरिया के इस बयान के बाद अब यह सवाल खड़े हो गए हैं कि आखिर विपक्ष ने बिना अंतरिम रिपोर्ट को कोर्ट में सबमिट कराये जाने से पहले इस तरह का बवाल क्यों मचाया? गौरतलब है कि दिल्ली ऑक्सीजन ऑडिट रिपोर्ट समिति की ओर से सुप्रीम कोर्ट में अभी जमा नहीं कराई गई है। इस मामले पर अगली सुनवाई 30 जून को होनी है।
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बता दें कि विपक्ष की ओर से ऑक्सीजन ऑडिट रिपोर्ट पर लगाए गए गंभीर आरोपों पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट के जरिए शुक्रवार को यह भी स्पष्ट किया था और कहा था-मेरा गुनाह- मैं अपने दो करोड़ लोगों की सांसो के लिए लड़ा, जब आप चुनावी रैली कर रहे थे, मैं रात भर जागकर ऑक्सीजन का इंतजाम कर रहा था, लोगों को ऑक्सीजन दिलाने के लिए मैं लड़ा, गिड़गिड़ाया। लोगों ने ऑक्सीजन की कमी से अपनों को खोया। उन्हें झूठा मत कहिए. उन्हें बहुत बुरा लग रहा है।