मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना समेत योगी की कैबिनेट में 14 प्रस्तावों को मिली मंजूरी

मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना

आरयू ब्‍यूरो, लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार को लोकभवन में संपन्‍न हुई यूपी कैबिनेट में किसानों पर केंद्रित सामाजिक सुरक्षा की सबसे बड़ी योजना को मंजूरी मिली है। इसके साथ ही 14 अहम प्रस्‍तावों को भी पास किया गया है। कैबिनेट की बैठक के बाद आज शाम लोकभवन में आयोजित प्रेसवार्ता में योगी सरकार के प्रवक्‍ता सिद्धार्थ नाथ सिंह और श्रीकांत शर्मा ने मीडिया को बताया कि बैठक में 14 प्रस्तावों को स्वीकृति दी गई। किसानों के संबंध में बीमा योजना के रूप में अहम फैसला लिया गया।

इसके तहत मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना बीमा योजना का नाम मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना करने के साथ ही इसके नियम और सुविधाओं में बदलाव किया गया है, जिसे आज कैबिनेट ने मंजूरी दे दी। इस योजना के दायरे में प्रदेश के दो करोड़ 38 लाख 22 हजार किसान आएंगे। खास बात है कि बीमे के वारिस के रूप में किसान के परिवार के अलावा बटाईदार भी हकदार होगा। मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना बीमा योजना का लाभ पहले सिर्फ खातेदार किसान और सह-खातेदार को ही मिलता था। नई योजना में किसान और उसकी पत्‍नी, पुत्र-पुत्री, पौत्र व पौत्री के साथ ही बटाईदार भी पात्र होगा। बीमित किसान की मृत्यु पर पांच लाख रुपये, जबकि दिव्यांगता पर बीमा राशि को श्रेणीवार रखा गया है।

इसमें 60 फीसद से अधिक दिव्यांगता पर अधिकतम दो लाख रुपये मिलेंगे। साथ ही 18 से 70 वर्ष तक की उम्र के किसान पात्र होंगे। योजना का लाभ 14 सितंबर 2019 से मिलेगा। वहीं इसका लाभ उठाने के लिए शर्त रखी गई है कि दुर्घटना में किसान की मृत्यु या दिव्यांगता होने पर सभी प्रपत्र 45 दिन के अंदर तहसील कार्यालय में आवेदन जमा करना होगा। एक माह तक के विलंब को क्षमा करने का अधिकार जिलाधिकारी को होगा, लेकिन 75 दिन बीतने के बाद आवेदन पर विचार ही नहीं किया जाएगा।

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श्रीकांत शर्मा ने बताया कि पिछले वित्तीय वर्ष में बीमा कंपनियों के पास बीमा राशि 675 करोड़ रुपये पहुंची, जबकि खर्च मात्र 200 करोड़ रुपये ही हुए। इस तरह बीमा कंपनियां 475 करोड़ रुपये का लाभ कमा गईं। अब इस योजना से बीमा कंपनियों का दखल खत्म कर दिया है। राज्य सरकार से वित्त पोषित यह योजना जिलाधिकारियों के माध्यम से चलाई जाएगी।

इन प्रस्‍तवों को भी मिली मंजूरी-

  • भारत सरकार के स्वच्छ भारत मिशन के लक्ष्यों को प्रमुखता से दर्शाने के लिए फीचर फिल्म ‘हल्का’ को राज्य माल एवं सेवा कर (एसजीएसटी) से मुक्‍त करने संबंधी प्रस्ताव कैबिनेट में पास।
  • प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए ‘मुख्यमंत्री पर्यटन संवर्धन योजना’ के क्रियान्वयन के लिए प्रक्रिया निर्धारण को कैबिनेट की मंजूरी। इस योजना के अंतर्गत प्रदेश के प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में एक-एक पर्यटन क्षेत्र का विकास किया जाएगा। इससे हर जनपद में 50 लाख तक की लागत के विकास कार्य कराए जा सकेंगे। पर्यटन स्थल का चयन विधायक या जिलाधिकारी की संस्तुति पर किया जाएगा।
  • आबकारी नीति 2020-21 को प्रतिपादित किए जाने के प्रस्ताव को कैबिनेट का अनुमोदन। वित्तीय वर्ष 2020-21 की आबकारी नीति के तहत देशी मदिरा, बीयर एवं विदेशी मदिरा के बेसिक लाइसेंस फीस में क्रमशः दस, 15 एवं 20 प्रतिशत के बढ़ोतरी का प्रस्ताव पारित।
  • वित्तीय वर्ष 2019-20 में आबकारी राजस्व का लक्ष्य 31,600 करोड़ रुपए निर्धारित किया गया है।
  • मेसर्स पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड को जनपद गौतमबुद्ध नगर में मेगा फूड पार्क स्थापित करने के लिए सभी अनुमन्य सुविधाएं उपलब्ध कराने संबंधी प्रस्ताव को कैबिनेट की मंजूरी।
  • जनपद मथुरा में गोवर्धन परिक्रमा मार्ग के चारों ओर 177 करोड़ रुपए की लागत से दस मीटर चौड़ी सर्विस रोड के निर्माण का प्रस्ताव पारित।
  • यूपी पुलिस एवं विधि विज्ञान विश्‍वविद्यालय की स्थापना के लिए यूपी पुलिस एवं विधि विज्ञान विश्‍वविद्यालय अधिनियम 2020 के प्रख्यापन के प्रस्ताव को मंजूरी।
  • शामली में कलेक्ट्रेट भवन के निर्माण के लिए 29.6 करोड़ रुपये के प्रस्ताव को मंजूरी।
  • नगरीय शोध एवं प्रशिक्षण संस्थान के संचालन के लिए संविधान एवं नियमावली तथा स्मृति पत्र के ड्राफ्ट को कैबिनेट में मिली मंजूरी।
  • यूपी जीएसटी अध्यादेश (2020) के प्रख्यापन तथा विधानमंडल से पारित कराये जाने के प्रस्ताव को मंजूरी।
  • काशी विश्‍वनाथ मंदिर विस्तारीकरण सुंदरीकरण योजना के निर्माण के लिए ई-टेंडरिंग के बाद के बाद न्यूनतम टेंडर 339 करोड़ रुपये पर काम कराए जाने के प्रस्ताव को मंजूरी।
  • मेसर्स पेप्सिको इंडिया होल्डिंग्स प्राइवेट लिमिटेड (जनपद मथुरा) एवं मेसर्स त्रिवेणी इंजीनियरिंग एंड इंडस्ट्रीज लिमिटेड (जनपद बुलंदशहर) द्वारा प्रदेश में 689 करोड़ के निवेश के लिए लेटर ऑफ कम्फर्ट निर्गत करने पर लगी कैबिनेट की मुहर।
  • उत्तर प्रदेश औद्योगिक निवेश एवं रोजगार प्रोत्साहन नीति-2017 के अंतर्गत मेगा परियोजनाओं को विशेष सुविधाएं एवं रियायत देने का प्रस्ताव पारित।
  • यूपी पावर कापरिशन लिमिटेड एवं सहयोगी कंपनियों के लिए उदय योजना के तहत मौजूदा वित्तीय वर्ष में लिए गए कार्यशील पूंजी ऋण के 150 करोड़ के ब्याज की माफी व अन्य समस्त देयों के भुगतान के लिए अतिरिक्‍त शासकीय प्रत्याभूति दिए जाने के साथ ही प्रत्याभूति शुल्क माफ किये जाने व कार्यशील पूंजी ऋणों के आहरण के लिए 1784.56 करोड़ रुपये की अतिरिक्‍त शासकीय प्रत्याभूति सीमा स्वीकृत किये जाने के प्रस्ताव को भी मिली मंजूरी।