आरयू ब्‍यूरो, 

लखनऊ। शनिवार को ‘लौह पुरूष’ सरदार वल्लभभाई पटेल की पुण्य तिथि के मौके पर राज्यपाल राम नाईक और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जीपीओ पार्क स्थित उनकी प्रतिमा पर पुष्प अर्पित उन्‍हें श्रद्धांजलि दी।

इस मौके पर योगी आदित्‍यनाथ ने सरदार पटेल को याद करते हुए कहा कि भारत की एकता और अखण्डता के लिये देश के नागरिक सरदार पटेल को हमेशा याद करेंगे। इस महान सपूत ने अपनी दृढ़ इच्छाशक्ति से देश को एकता के सूत्र में पिरोने को जो काम किया है उससे गौरव की अनुभूति होती है।

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वहीं सीएम ने प्रतिमा स्‍थापित करने के फैसले पर पीएम की सराहना करते हुए कहा कि गुजरात के सरदार सरोवर तट पर वल्लभभाई पटेल की दुनिया का सबसे बड़ी प्रतिमा स्थापित कर नरेंद्र मोदी ने उनको उचित सम्मान दिया है। उन्‍होंने आगे कहा कि सरदार पटेल द्वारा भारतीय गणराज्य एवं नागरिकों के प्रति, भारतीय लोकतांत्रिक मूल्यों और आदर्शों के प्रति किये गये योगदान को भी भुलाया नहीं जा सकता है। ऐसे महापुरूषों के व्यक्तित्व और कृतित्व से हमें आगे बढ़ने की प्रेरणा मिलती है।

सरदार पटेल जिंदा होते तो कुछ और होता देश का नक्‍शा: राज्‍यपाल

वहीं राज्यपाल ने इस दौरान कहा कि 1947 में आजादी के समय अंग्रेजों ने जाते-जाते देश के सामने बड़ी समस्या खड़ी कर दी थी। अंग्रेजों ने देश की 565 छोटी-छोटी रियासतों को स्वतंत्रता दी कि वें रियासतें अपने भविष्य का स्वयं निर्णय करें। ऐसी स्थिति में सरदार पटेल ने जिस कुशलता से रियासतों को विलय करने का काम किया वह अभूतपूर्व था। अगर सरदार पटेल द्वारा किये गये रियासतों का विलय के कारण ही आज हम एक बड़े लोकतांत्रिक देश के रूप में दुनिया में पहचान बना पाये हैं। सरदार पटेल अगर और जीवित रहते तो देश का नक्शा कुछ और होता।

जनता ने दी थी ‘लौह पुरूष’ की संज्ञा 

राम नाईक ने आगे कहा कि आजादी से पूर्व किसानों पर लगाये गये लगान वृद्धि के विराध में लिए बारडोली में जो उन्होंने सत्याग्रह किया वह दुनिया में ऐसा सबसे बड़ा सत्याग्रह था। उन्होंने कहा कि सरदार पटेल की दृढ़ इच्छा शक्ति और निर्णय क्षमता को देखते हुए जनता ने उन्हें ‘लौह पुरूष’ की संज्ञा दी थी। इस दौरान महापौर डॉ. संयुक्ता भाटिया सहित अन्य विशिष्टजन भी उपस्थित थे।

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