आरयू वेब टीम।
मुंबई में 1993 में हुए बम धमाकों के मामले में आज टाडा कोर्ट ने सजा पर फैसला सुना दिया है। कोर्ट ने फिरोज़ अब्दुल रशीद ख़ान और ताहिर मर्चेंट को फांसी और अबू सलेम, करीमुल्लाह खान को उम्रकैद की सजा सुनाई है। इसके साथ ही दोनों पर 2-2 लाख रुपए जुर्माना भी लगाया गया है। इसके अलावा रियाज सिद्दकी को 10 साल की सजा हुई है।
12 मार्च,1993 को मुंबई में हुए सिलसिलेवार बम धमाकों में 257 लोगों की मौत हुई थी। मामले में कुल 7 आरोपी थे, अबू सलेम, रियाज़ सिद्दीक़ी, फ़िरोज़ अब्दुल रशीद ख़ान, ताहिर मर्चेंट और करीमुल्लाह ओसान ख़ान को दोषी करार दिया गया था। वहीं एक और दोषी मुस्तफ़ा अहमद डोसा की मौत हो गई जबकि एक आरोपी अब्दुल कयूम को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया गया था।
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कोर्ट में अबू सलेम को साजिश की धारा 120बी और हत्या के तहत दोषी पाया गया है। ऐसे में मौत की सजा का प्रावधान है, लेकिन अबू सलेम को पुर्तगाल से सशर्त लाया गया है कि उसे 25 साल से ज्यादा की सजा नहीं दी जा सकती, इसलिए उसे उम्रकैद की सजा दी सुनाई गई है।
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मीडिया रिपोर्ट की माने तो अदालत परिसर में अबू सलेम हंसता हुआ देखा गया है। बताया जा रहा है कि उसकी हंसी का कारण इस बात की आश्वस्तता थी की उसे फांसी नहीं हो सकती। हालांकि जब उसे उम्रकैद की सजा सुनाई गई तो वह गंभीर हो गया। सलेम भारत की जेल में भी 12 साल काट चुका है, इस कारण अब उसे 13 साल ही और जेल में काटना होगा।
मालूम हो कि 12 मार्च 1993 को मुंबई में हुए सीरियल बम धमाकों में 257 लोग मारे गए थे और 700 से अधिक लोगों के घायल होने के साथ ही धमाकों में करीब 27 करोड़ रुपये की संपत्ति नष्ट हो गयी थी।
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