आरयू ब्यूरो, लखनऊ। जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस के गठबंधन पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रहार किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस जैसी पार्टियां, जो नफरत की राजनीति करती रही हैं, उनकी सियासी जमीन अब हमेशा के लिए बंजर हो गई है। उन्होंने कहा कि आतंकवाद और अलगाववाद का मुद्दा अब जम्मू-कश्मीर में खत्म हो चुका है, और यह सब चिनाब की जलधारा में हमेशा के लिए बह गया है।
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योगी ने शनिवार को अपने सरकारी आवास पर मीडिया से बातचीत के दौरान दोनों पार्टियों के गठबंधन पर सवाल उठाए। सीएम ने कहा कि नफरत की फसल उगाने वाली कांग्रेस और नेकां की राजनीति अब बंजर ज़मीन में तब्दील हो चुकी है, जहां कोई नया बीज अंकुरित होना असंभव है। आतंकवाद और अलगाववाद की काली परछाइयां अब चिनाब की उफनती जलधारा में विलीन हो चुकी हैं।
राष्ट्रविरोधी मंसूबों का खुलासा
सीएम योगी ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 और 35ए को हटाकर विधानसभा चुनाव की अपनी प्रतिबद्धता को जाहिर किया था। अब जबकि चुनाव की तिथियां घोषित हो चुकी हैं, कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस का गठबंधन देश की सुरक्षा के प्रति गंभीर सवाल खड़े करता है। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि अब्दुल्ला एंड संस फैमिली प्राइवेट लिमिटेड (नेशनल कॉन्फ्रेंस) के साथ कांग्रेस का गठबंधन राष्ट्रविरोधी मंसूबों को देश के सामने उजागर करता है।
अलग झंडे’ के वादे का समर्थन करती
आज योगी ने कांग्रेस नेता व लोकसभा सांसद राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा कि क्या कांग्रेस ‘नेशनल कॉन्फ्रेंस’ के जम्मू-कश्मीर में ‘अलग झंडे’ के वादे का समर्थन करती है? क्या राहुल गांधी अनुच्छेद 370 और आर्टिकल 35ए को वापस लाने का समर्थन करते हैं, जिससे जम्मू-कश्मीर फिर से अशांति और आतंकवाद के दौर में धकेला जा सके? उन्होंने यह भी पूछा कि क्या कांग्रेस पाकिस्तान के साथ एलओसी ट्रेड शुरू करने और बॉर्डर पार से आतंकवाद को समर्थन देने के नेशनल कॉन्फ्रेंस के निर्णय का समर्थन करती है?
आतंकवाद के दौर को वापस लाने का…
सीएम योगी ने आरोप लगाया कि कांग्रेस का यह गठबंधन आरक्षण विरोधी चेहरा भी सामने लाता है। उन्होंने पूछा कि क्या कांग्रेस दलितों, गुर्जरों, बकरवाल और पहाड़ियों के आरक्षण को समाप्त करने के नेशनल कॉन्फ्रेंस के वादे का समर्थन करती है? साथ ही, क्या कांग्रेस चाहती है कि जम्मू-कश्मीर की अर्थव्यवस्था को फिर से भ्रष्टाचार की आग में झोंककर पाकिस्तान समर्थित परिवारों के हाथों में सौंप दिया जाए?