आरयू ब्यूरो,
लखनऊ। चुनाव आयोग द्वारा आम आदमी पार्टी के 20 सदस्यों की सदस्यता रद्द किए जाने के विरोध में सांसद संजय सिंह ने चुनाव आयोग पर जमकर निशाना साधा। राजधानी में आयोजित एक प्रेसवार्ता के दौरान उन्होंने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि चुनाव आयोग अपने आका नरेंद्र मोदी के कहने पर इस तरह के काम कर रहा है। इसी वजह से आयोग ने विधायकों की मान्यता रद्द करने का फैसला बिना पक्ष सुने ही कर दिया है। यह न सिर्फ लोकतंत्र की हत्या है, बल्कि चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर एक बड़ा सवालिया निशान भी है।
संजय सिंह ने आरोप लगाते हुए कहा कि सिर्फ आप विधायकों के खिलाफ मुख्य चुनाव आयुक्त एके ज्योति ने सदस्यता रद्द करने की सिफारिश की है, इसका साफ पता चलता है कि चुनाव आयोग नरेंद्र मोदी और भारतीय जनता पार्टी का एजेंट बन गया है। ऐसे में चुनाव आयोग जनता के सामने जवाब दे।
संवैधानिक संस्थाओं का नहीं रह गया कोई मतलब
आप के वरिष्ठ नेता ने आगे कहा कि नरेंद्र मोदी के शासनकाल में संवैधानिक संस्थाओं का कोई मतलब नहीं रह गया है। मोदी सरकार लोकतंत्र का गला घोटने की लगातार कोशिश कर रही है। साथ ही उन्होंने यह भी काह कि यही वजह है कि सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीशों ने भी हाल ही में प्रेसवार्ता कर लोकतंत्र को खतरे में बताया था।
संजय सिंह ने एक सवाल के जवाब में कहा कि लाभ के पद का मामला यह है कि विधायकों के संसदीय सचिव के पद पर नियुक्ति की गई, लेकिन उनको किसी प्रकार का लाभ सरकार की ओर से नहीं दिया गया।
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उदाहरण देतें हुए संजय सिंह पत्रकारों से बोले कि कई अन्य राज्यों में इससे पहले विधायकों की नियुक्ति संसदीय सचिव के पद पर हो चुकी है। पूर्व में दिल्ली, झारखंड, पंजाब और हरियाणा में भी विधायकों की नियुक्ति इसी पद पर की गई थी, लेकिन हाईकोर्ट ने संसदीय सचिव की सदस्यता को रद्द करते हुए विधायकों की सदस्यता बरकरार रखी थी। प्रेसवार्ता में आप के प्रदेश प्रवक्ता वैभव महेश्वरी समेत अन्य लोग भी मौजूद रहें।
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