आरयू वेब टीम। दिल्ली स्थित नेहरू मेमोरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी का नाम बदल दिया गया है। इसे अब प्राइम मिनिस्टर्स म्यूजियम एंड लाइब्रेरी के नाम से जाना जाएगा। नेहरू मेमोरियल एंड म्यूजियम का नाम बदलने को लेकर कांग्रेस की ओर से भी तीखा प्रतिक्रिया आई है। कांग्रेस नेता और प्रवक्ता जयराम रमेश ने कहा है इसे मनमानी और तानाशाही बताया है।
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने शुक्रवार को नेहरू मेमोरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी का नाम बदलने के लिए पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि एनएमएमएल एक पुस्तकों का खजाना रहा है। अब से इसे प्रधानमंत्री संग्रहालय और सोसायटी कहा जाएगा। साथ ही, कहा कि नाम बदलना संक्रिण सोच को दर्शाता है और लोगों के दिलों से नेहरू का नाम नहीं निकाला जा सकता है।
देश के सभी प्रधानमंत्रियों को समर्पित
विशेष बैठक में नेहरू मेमोरियल का नाम बदलकर प्राइम मिनिस्टर्स म्यूजियम एंड लाइब्रेरी सोसाइटी करने का फैसला किया गया है। इस बैठक की अध्यक्षता रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने की थी। दरअसल, पीएम मोदी ने वर्ष 2016 में तीन मूर्ति परिसर में देश के सभी प्रधानमंत्रियों को समर्पित एक संग्रहालय स्थापित करने का विचार रखा था। एनएमएमएल की कार्यकारी परिषद ने नवंबर 2016 को अपनी मीटिंग में इसे मंजूरी दी थी। ये परियोजना अब पूरी हो गई है।
भारत की विकास यात्रा का प्रतिबिंब
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि यह संग्रहालय भारत की विकास यात्रा को प्रतिबिंबित करता है। वहीं देश के लोकतंत्र की जीवंतता और सफलता की कहानी बयां करता है। मैं देशवासियों से आग्रह करता हूं कि वे प्रधानमंत्री संग्रहालय को एक बार देखने जरूर जाएं।
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बता दें कि एनएमएमएल सोसायटी के अध्यक्ष के रूप में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैं। वहीं, इसके 29 सदस्यों में केंद्रीय मंत्री अमित शाह, निर्मला सीतारमण, धर्मेंद्र प्रधान, जी किशन रेड्डी और अनुराग ठाकुर भी शामिल हैं। एडविन लुटियंस की राजधानी के रूप में इसका निर्माण 1929-30 में किया गया था। आजादी मिलने के बाद वर्ष 1948 में भारत के पहले पीएम पंडित जवाहरलाल नेहरू का आधिकारिक आवास स्थल बन गया था। नेहरू ने अपनी मृत्यु तक यहां पर 16 साल बिताए थे।