आरयू वेब टीम।
राजनीत चमकाने और चर्चा में बने रहने के लिए नेता आए दिन कुछ न कुछ बेतुका और शर्मनाक बयान देते रहते हैं। ऐसा ही कारनामा मंगलवार को पटना में जनता दल युनाईटेड के वरिष्ठ नेता शरद यादव ने कर दिया। कर्पूरी ठाकुर की जयंती पर आयोजित एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि बेटी की इज्जत से बड़ी वोट की इज्जत होती है।
अपनी बात को सही साबित करने के लिए उन्होंने बेतुका तर्क दिया कि बेटी की इज्जत जाएगी तो गांव और मोहल्ले की इज्जत जाएगी, लेकिन वोट बिक गया तो देश की इज्जत चली जाएगी, आने वाला सपना पूरा नहीं हो सकेगा।
जदयू के वरिष्ठ नेता के विवादित बयान पर राष्ट्रीय महिला आयोग ने आंख तरेरी है। आयोग ने शरद यादव के बयान को महिलाओं के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी मानते हुए बुधवार को नोटिस जारी कर दिया है।
दूसरी ओर नोटिस के बारे में शरद यादव ने मीडिया से कहा कि उन्हें अभी नोटिस मिली नहीं है, मिलने पर देखा जाएगा। इसके साथ ही आज यह भी कहा कि उन्होंने कोई गलत बात नहीं बोली है, जैसे बेटी से प्रेम करते है वैसे ही वोट से भी करना चाहिए।
नेताजी के बयान पर अब उन्हें कौन समझाए कि वोट लेने (नेता) वोट देने (जनता) के नजरिए के बीच जमीन आसमान का अंतर होता है।
आपको बता दें कि यह कोई पहला मौका नहीं है जब शरद यादव ने महिलाओं को लेकर विवादित बयान दिया है। इससे पहले दक्षिण भारतीय महिलाओं के बारे में कहा था कि, ‘यहां की महिलाएं सांवली तो जरूर होती हैं, लेकिन उनका शरीर खूबसूरत होता है, उनकी त्वचा सुंदर होती है, वे नाचना भी जानती हैं’। नेताजी के इस बयान के बाद देश भर में उनका विरोध हुआ था।
एक बार उन्होंने भाजपा नेता स्मृति ईरानी के बारे में विवादित टिप्पणी करते हुए कहा था कि आप क्या है, ‘यह मै जानता हूं’। इस पर भी काफी विवाद हुआ था।