आरयू ब्यूरो
लखनऊ। शहर के नियोजित विकास के लिए वजूद में आया लखनऊ विकास प्राधिकरण लगातार उसकी सूरत बिगाड़ने वाले फैसले ले रहा है। एलडीए की बोर्ड बैठक में आज लिए गए एक फैसले के बाद अब रसूखदारों को अपने घरों में चल रही व्यवासायिक गतिविधियों को वैध करने के लिए ज्यादा मेहनत नही करनी पड़ेगी। बैठक के फैसले के अनुसार एलडीए उपाध्यक्ष से अनुमति मिलने के बाद रसूखदार घरों में बैंक, होटल, नर्सिंग होम व स्कूल आदि खोल सकेंगे।
इतना ही नहीं लंबे समय से एलडीए इंजीनियरों और अधिकारियों की मिली भगत से आवासीय कालोनी में चल रही इन व्यवसायिक गतिविधियों को वैध होने का भी दर्ज मिल जाएगा। बोर्ड बैठक में रसूखदारों पर एलडीए की मेहरबानी यहीं नहीं रूकी, लैंड यूज चेंज करने के नियमों में बदलाव कर उन्हें भारी आर्थिक लाभ पहुंचाते हुए अब डीएम सर्किल रेट की जगह एलडीए सेक्टर रेट पर भुगतान करने की छूट भी दे डाली गई है।
आदि को अस्त्र की तरह इस्तेमाल करेगा एलडीए!
एलडीए की अपर सचिव सीमा सिंह, संयुक्त सचिव धनंजय शुक्ला, एनएन सिंह व सीटीपी जेएन रेड्डी ने एक प्रेसवार्ता में फिलहाल वीसी के स्तर से बैंक, होटल, नर्सिंग होम व स्कूल आदि को घरों में खुलवाने के अधिकार संबंधी जानकारी मीडिया को दी, लेकिन आदि के अंतर्गत किस प्रकार के व्यापार घरों में किये जा सकेंगे इस संबंध में वार्ता में मौजूद किसी अधिकारी ने जवाब नहीं दिया।
समझा जा रहा है कि आदि शब्द का इस्तेमाल एलडीए भविष्य में लोगों के रसूख और धनबल को देखते हुए अस्त्र के रूप में करेगा। जिसके बाद मनमाने ढंग से आवासीय इलाकों में हर तरह की व्यवसायिक गतिविधियों की लोगों को छूट दे दी जाएगी।
21 में 15 प्रस्ताव पास, आम आवंटियों से जुड़े मुद्दे गायब
एलडीए बोर्ड बैठक में रखे गए 21 में से 15 प्रस्ताव को आज पास कर दिया गया। पास प्रस्तावों में आम आवंटियों से जुड़े प्रस्ताव न के बराबर रहे। स्वीकृत प्रस्तावों के तहत रसूखदारों, बिल्डरों, बड़े स्कूल, कॉलेज, नेताओं और एलडीए कर्मचारियों को फायदा पहुंचाया गया।
विन्रम खण्ड स्थित लखनऊ पब्लिक स्कूल की भूमि पर डिग्री कॉलेज स्वीकृत।
इसके अंतर्गत सुशांत गोल्फ सिटी और ओमेक्स लिमिटेड कंपनी को भी बोर्ड बैठक में फायदा पहुंचाया गया।
लामार्टिनियर गर्ल्स कॉलेज में बन रहे ऑडिटोरियम का नाम फरीदा अब्राहम मेमोरियल रखा जाएगा।
नहीं बनी बात, फाइव डे वीक स्थागित
कर्मचारी संघ की मांग को किनारे करते हुए बोर्ड बैठक में फाइव डे वीक की मांग को स्थागित कर दिया गया। कहा जा रहा है कि शासन स्तर के एक अधिकारी के हस्ताक्षेप के बाद इसे स्थागित किया गया। हालांकि संघ की मांग पर 19 मृतक आश्रित संविदा कर्मचारियों को नियमित वेतनमान की स्वीकृति दे गई। इसके अलावा सरकारी सेवक नियमावली 2011 के तहत प्राधिकरण के कार्यरत व सेवा निवृत्त कर्मियों को चिकित्सा खर्च प्रतिपूर्ति को भी बोर्ड बैठक में मंजूरी मिल गई।
दो मांगे माने जाने पर कर्मचारी संघ ने एलडीए वीसी का आभार जताया है, जबकि फाइव डे के मामले में संघ के अध्यक्ष शिव प्रताप सिंह का कहना है कि आवास विकास परिषद में फाइव डे लागू होने के बाद भी एलडीए में यह व्यवस्था नहीं होना उचित नहीं है। आने वाले समय मे कर्मचारी प्रदेश सरकार को इसका जवाब देंगे।