आरयू ब्यूरो,
लखनऊ। असम से शुरू हुए राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर मुद्दे को लेकर यूपी में भी राजनीति तेज होती जा रहा है। आज जहां बसपा सुप्रीमो मायावती ने 40 लाख लोगों का समर्थन करने के साथ ही ऐसी स्थिति आने के लिए भाजपा और आरएसएस को जिम्मेदार ठहराया है। वहीं मंगलवार को मायावती के जारी किए गए बयान के कुछ घंटे बाद ही भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. महेंद्र नाथ पाण्डेय ने बसपा सुप्रीमो पर तगड़ा पलटवार करते हुए गंभीर आरोप लगाएं हैं।
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प्रदेश अध्यक्ष ने आज अपने बयान में मीडिया से कहा कि कांग्रेस के साथ कदम मिलाते हुए बसपा सुप्रीमो बांग्लादेशी घुसपैठियों को बचाना चाहती है। जबकि न्यायालय की अवहेलना करने का बसपा प्रमुख का इतिहास रहा है। उन्होंने अपने मुख्यमंत्रित्वकाल में स्मारकों और मूर्तियों का निर्माण न्यायालय की रोक के बावजूद जारी रखा। इसीलिए बसपा प्रमुख आज भी संवैधानिक संस्थाओं द्वारा दिए जाने वाले निर्देशों के खिलाफ खड़ी होने से गुरेज नहीं कर रही हैं।
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महेंद्र पाण्डेय ने आगे कहा कि देश में रहने वाले अल्पसंख्यकों का देशभक्ति का अपना इतिहास रहा है। बांग्लादेशी घुसपैठियों के साथ उनका नाम जोड़कर मायावती देश के राष्ट्र भक्त लोगों का भी अपमान कर रहीं हैं।
नहीं चूक रहीं राष्ट्रहित की अनदेखी से भी
मायावती के बयान को राजनीतिक स्टंट बताते हुए प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि यूपी में दलितों, पिछड़ों के बीच बीजेपी का संपर्क और जनाधार लगातार बढ़ रहा है, जिससे मायावती डर गयी है। इसीलिए बसपा के खिसकते जनाधार को बचाने के लिए मायावती राष्ट्रहित की भी अनदेखी करने से नहीं चूक रहीं।
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कांग्रेस के पास नहीं थी हिम्मत
वहीं कांग्रेस को निशाने पर लेते हुए महेंद्र पाण्डेय ने कहा कि कांग्रेस के पास असम के समझौतें को लागू करने की हिम्मत नहीं थी, लेकिन भाजपा सरकार ने हिम्मत दिखाते हुए ये काम कर दिया है। पिछली सरकारें वोट बैंक की लालच में सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों की भी अनदेखी करती थीं, वहीं भाजपा सरकार ने न्यायालय की मंशा के अनुरूप बिना किसी तुष्टीकरण की राजनीत के उचित कदम उठाया है। इतना ही नहीं असम की जनता की भावनाओं के साथ ही देश की सीमाओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए ही असम व मोदी सरकार काम कर रही है।
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