आरयू ब्यूरो, लखनऊ। न्याय न मिलने से परेशान एक परिवार के 12 सदस्य रविवार को पेट्रोल लेकर सुसाइड करने के लिए सीएम आवास जा रहे थे। जहां दोपहर लालबत्ती चौराहे पर पुलिस चेकिंग कर रही थी, तभी इन लोगों को देखकर पुलिस ने शक की बिना पर तलाशी ली, तो उनके पास से पेट्रोल मिला। जिसके बाद पुलिस सभी को हिरासत में लेकर गौतमपल्ली थाने ले गई। जहां सभी से पूछताछ की गई।
पूछताछ में पता चला कि परिवार उन्नाव के लोणारी खेड़ा थाना क्षेत्र के असीमन गांव का रहने वाला है। 12 लोगों में छह नाबालिग हैं। इस संबंध में परिवार के एक सदस्य ने पुलिस को बताया की “बगल के गांव में रहने वाला एक परिवार हमें मारना चाहता है। ये लोग शराब पिलाकर फर्जी मुकदमे दर्ज करवाते हैं। तीन महीने पहले एसटी-एससी केस में भी फंसा चुके हैं। ये सभी लोग इलाके के लोगों को झूठे मुकदमों में फंसाने का काम करते हैं। इसकी शिकायत कई बार अफसरों से की, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। इसके बाद हम लोगों ने सामूहिक आत्महत्या करने की योजना बनाई। हम लोग अपने साथ पेट्रोल लेकर आए थे, लेकिन पुलिस ने हमें पकड़ लिया।”
परिवार के साथ जान देने आए शख्स ने बताया, 21 नवंबर की शाम चार बजे उनकी 16 वर्षीय बेटी नदी किनारे गई थी। वहां रोहित यादव और सरोज यादव पहले से मौजूद थे। इन दोनों ने लड़की को गलत नीयत से पकड़ लिया और उसके साथ जबरदस्ती करने लगे। जब उसने विरोध किया तो उसके प्राइवेट पार्ट पर भी हमला कर दिया।
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पीड़ित ने आगे बताया, घटना के बाद कुछ लोग गाड़ी से आए और उनकी बेटी को धक्का देकर गिरा दिया। पीड़ित ने एफआइआर में करन यादव, माहिर समेत चार से पांच अज्ञात का नाम लिखवाया है। पीड़ित का कहना है कि केस के बाद भी पुलिस ने कार्रवाई नहीं की, क्योंकि एक नेता ने पुलिस को फोन कर दिया। अब पीड़ित परिवार का कहना है कि आरोपित परिवार उनको फर्जी एससी-एसटी केस में फंसाना चाहता है। उनके खिलाफ फर्जी केस दर्ज करवा रहा है। इसी से तंग आकर उन्होंने परिवार के साथ मिलकर ये कदम उठाना पड़ा।




















