आरयू वेब टीम। ‘‘एक देश, एक चुनाव’’ समेत अन्य मुद्दों को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से बुलाई गयी सर्वदलीय बैठक से विपक्ष ने लगभग किनारा कर लिया है। सभी राजनीतिक दलों के लोकसभा और राज्यसभा में प्रतिनिधित्व करने वाले अध्यक्षों की बुधवार को बुलाई गयी इस बैठक से पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बाद अन्य क्षेत्रीय दलों के प्रमुख भी बैठक का हिस्सा बनने से इंकार कर रहे हैं।
आज अपरान्ह करीब तीन बजे संसद भवन की लाइब्रेरी में होने वाली इस सर्वदलीय बैठक से देश की दूसरी सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी कांग्रेस ने भी किनारा कर लिया है। ममता के द्वारा बैठक का बहिष्कार करने के बाद बीएसपी सुप्रीमो मायावती, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, तेलुगू देशम पार्टी (टीडीपी) के प्रमुख चंद्रबाबू नायडू और डीएमके अध्यक्ष एम. के. स्टालिन ने भी बैठक में नहीं शामिल होने का मन बनाया है। हालांकि, इनमें से कुछ नेता बैठक में अपने प्रतिनिधियों को भेजेंगे।
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बताते चलें कि पीएम मोदी ने उन सभी राजनीतिक दलों के प्रमुखों को बुधवार को एक बैठक में हिस्सा लेने के लिए आमंत्रित किया था, जिनका लोकसभा या राज्यसभा में एक भी सदस्य है। इस बैठक में ‘एक देश, एक चुनाव’ के अलावा कुछ अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों पर भी चर्चा होनी है।
ये लोग होंगें बैठक में शामिल
जनता दल (सेक्यूलर) कुपेंद्र रेड्डी, समाजवादी पार्टी (अखिलेश यादव), एनसीपी (शरद पवार), अकाली दल (सुखबीर बादल), जनता दल (यूनियन) नीतीश कुमार, वाइएसआर कांग्रेस (जगन रेड्डी), बीजद (नवीन पटनायक), केसीआर (उनके बेटे केटीआर शामिल होंगे), आप से अरविंद केजरीवाल की जगह राघव चड्डा के बैठक में पहुंचने की संभावना है।
इन नेताओं ने बैठक में शामिल होने से किया मना
कांग्रेस, चंद्रबाबू नायडू (टीडीपी), ममता बनर्जी (टीएमसी), मायावती (बीएसपी) बैठक में नहीं आएंगी। हालांकि आप प्रमुख अरविंद केजरीवाल की जगह राघव चड्ढा पार्टी का प्रतिनिधित्व करेंगे। चंद्रबाबू नायडू ने भी बैठक में शामिल न होने का फैसला किया है। उनकी जगह बैठक में जयदेव गल्ला पार्टी का प्रतिनिधित्व करेंगे। डीएमके के चीफ स्टालिन भी बैठक में शामिल होने से इनकार कर चुके हैं।
विपक्ष एकमत नहीं
बताते चलें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा चुनाव के प्रचार के दौरान ‘एक देश-एक चुनाव’ का मुद्दा जोर-शोर से उठाया था। अब दोबारा सत्ता में आने के बाद प्रधानमंत्री ने सभी राजनीतिक दलों के प्रमुख और राज्यों के मुख्यमंत्री को आमंत्रित किया है। हालांकि, विपक्ष इस बैठक में शामिल होने के लिए एकमत नहीं है।
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उल्लेखनीय है कि लॉ कमिशन ने जब इस मुद्दे पर पिछले साल प्रस्ताव जारी किया था, तो बीजेपी और कांग्रेस ने इस पर कोई स्पष्ट राय जाहिर नहीं की। चार राजनीतिक पार्टियां एआईएडीएमके, शिरोमणि अकाली दल, एसपी और टीआरएस ने इसका समर्थन किया। वहीं नौ पार्टी टीएमसी, आप, डीएमके, टीडीपी, सीपीआई, सीपीएम, जेडीएस, गोवा फॉरवर्ड पार्टी और फारवर्ड ब्लॉक ने इसका विरोध किया था।