आरयू ब्यूरो, लखनऊ। धान की कटाई के बाद उसके अवशेष (पराली) जलाने वाले किसानों पर इस साल भी योगी सरकार ने सख्त निगरानी करना की तैयारी शुरू कर रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पराली जलाने की घटनाओं को रोकने के लिए सख्त रुख अपनाया है। मुख्यमंत्री ने सभी संबंधित विभागों के अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि वित्तीय वर्ष 2025-26 में पराली जलाने की घटनाओं को शून्य किया जाए। साथ निर्देशों का उल्लंघन करने पर किसानों पर भारी जुर्माना लगाया जाए।
इस दौरान सीएम ने पर्यावरण प्रदूषण और जन स्वास्थ्य पर इसके गंभीर प्रभावों को देखते हुए किसानों को वैकल्पिक उपायों के प्रति जागरूक करने पर जोर दिया। साथ ही सभी जिलाधिकारियों से कहा है वो सैटेलाइट के माध्यम से पराली जलाने की घटनाओं की लगातार निगरानी करें और संवेदनशील जिलों में विशेष सतर्कता बरती जाए।
सीएम द्वारा जारी निर्देशों के अनुसार, फसल अवशेष जलाने पर पर्यावरणीय क्षतिपूर्ति लगाई जाएगी। दो एकड़ से कम क्षेत्र पर 2,500 रुपये, दो से पांच एकड़ तक 5,000 रुपये और पांच एकड़ से अधिक पर 15,000 रुपये का जुर्माना निर्धारित किया गया है। इसके अलावा प्रत्येक 50 से सौ किसानों पर एक नोडल अधिकारी की नियुक्ति की जाएगी, जो पराली जलाने की घटनाओं की रोकथाम सुनिश्चित करेंगे।
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मुख्यमंत्री ने जनप्रतिनिधियों से भी इस अभियान में सहयोग की अपील करते हुए कहा कि संयुक्त प्रयासों से ही स्वच्छ पर्यावरण और प्रदूषण मुक्त प्रदेश का लक्ष्य प्राप्त किया जा सकता है। निर्देशों के अनुसार, जिलाधिकारियों से कहा गया है कि हॉटस्पाट चिन्हित करते हुए 50 से सौ किसानों पर एक नोडल अधिकारी की नियुक्ति किया जाए।
सीएम ने कहा कि अधिकारी खुद फील्ड में जाकर देखें और किसानों को पराली प्रबंधन के दूसरे तरीके बताएं। साथ ही कहा कि सरकार किसानों को सिर्फ सजा ही नहीं देना चाहती, वह चाहती है कि उन्हें सही समाधान मिले और दूसरी विकल्प आजमाएं।




















