लखनऊ विश्‍वविद्यालय में एकाएक बदले परीक्षा पैटर्न के विरोध में छात्रों ने किया प्रदर्शन

एलयू में प्रदर्शन
एलयू में प्रदर्शन करते छात्र-छात्राएं।

आरयू ब्यूरो, लखनऊ। लखनऊ विश्वविद्यालय में परीक्षा पैटर्न में अचानक हुए बदलाव के खिलाफ बुधवार को छात्रों ने जमकर प्रदर्शन किया। इस दौरान छात्रों ने विश्वविद्यालय प्रशासन पर तुगलकी फरमान जारी करने और छात्र हितों की अनदेखी का आरोप लगाते हुए नारेबाजी की। जिसे देख प्रॉक्टोरियल बोर्ड के सदस्यों ने छात्रों को समझाने की कोशिश की, लेकिन बात बढ़ गई और धक्का-मुक्की भी हुई।

प्रदर्शन कर रहे छात्र यूजी स्टूडेंट्स के परीक्षा पैटर्न में बदलाव से नाराज थे। उनका कहना है कि परीक्षा से सिर्फ 10 दिन पहले विश्वविद्यालय प्रशासन ने रात आठ बजे एक व्हाट्सएप मैसेज के जरिए नए पैटर्न की जानकारी दी। जिसकी जानकारी लगते ही छात्रों में आक्रोश फैल गया और विरोध में प्रदर्शन शुरू कर दिया गया है। छात्रों की मांग है कि पुराने परीक्षा पैटर्न को बहाल किया जाए, ताकि उनकी तैयारी और भविष्य पर नकारात्मक प्रभाव न पड़े।

ये हुए बदलाव 

परीक्षा की अवधि तीन घंटे से घटाकर दो घंटे कर दी गई है।

कुल 75 अंकों की परीक्षा में पहले सेक्शन में 15 अंकों का एक प्रश्न हल करना होगा।

दूसरे सेक्शन में 20-20 अंकों के तीन प्रश्न हल करने होंगे।

दस प्रश्नों में से आठ प्रश्नों का विकल्प दिया जाएगा।

छात्रों का कहना है कि नई समय सीमा में प्रश्नों के उत्तर देना मुश्किल होगा और इससे उनकी तैयारी और प्रदर्शन पर असर पड़ेगा।

यह भी पढ़ें- LU दीक्षांत समारोह में बोलीं राज्यपाल, लड़कियों का सबसे ज्‍यादा मेडल प्राप्‍त करना बताता है विश्‍व गुरू बनने की ओर हम अग्रसर

बीएससी की एक छात्रा का कहना है कि छात्रों का एक समूह शनिवार को शांतिपूर्ण ढंग से परीक्षा नियंत्रक से मिला और पुराने पैटर्न पर परीक्षा कराने की मांग की। अधिकारियों ने छात्रों को दो दिन में समाधान का आश्वासन दिया था, लेकिन कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। साथ ही कहा, “तीन घंटे की परीक्षा को दो घंटे में सीमित करना बिल्कुल अनुचित है। यदि प्रशासन इस फैसले को वापस नहीं लेता, तो छात्र बड़े आंदोलन के लिए मजबूर होंगे।”

वहीं चीफ प्रॉक्टर प्रो. राकेश द्विवेदी ने कहा कि ये नई प्रक्रिया स्टूडेंट्स के हित के लिए ही लागू की गई है। जिससे वे जल्दी फ्री हो जाए और प्वाइंट टू प्वाइंट ही आंसर लिखें। वैसे तो इस नए पैटर्न में कोई भी बदलाव की जरूरत नहीं है, लेकिन छात्रों के इस तरह कहने पर कुछ बदलाव के बारे में सोचा जा सकता है। इसके लिए विश्वविद्यालय जल्द ही छात्रों को सूचित करेगा।

यह भी पढ़ें- प्रयागराज में प्रदर्शनरत छात्रों पर पुलिस कार्रवाई से युवाओं की आवाज दबाने की भाजपा कर रही कोशिश: कांग्रेस