पैतृक गांव पहुंचकर बोले रामनाथ कोविंद, सपने में नहीं सोचा था यहां से निकलकर पहुंचुंगा राष्ट्रपति भवन

राष्ट्रपति भवन तक पहुंचुंगा
कार्यक्रम को संबोधित करते राष्ट्रपति।

आरयू ब्यूरो,लखनऊ/कानपुर। रविवार को अपने पैतृक गांव पहुंचे राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि, इस बार देर से आया हूं, अगली बार जल्दी से आने का मौका मिले। आज आपसे ज्यादा मुझे यहां आने की खुशी है। उन्होंने कहा कि, पथरी देवी से मैंने आशीर्वाद लिया और यहां आने से पहले मैंने, बाबा साहब की प्रतिमा पर माल्यापर्ण किया।

इस दौरान राष्ट्रपति ने कहा कि, आप भी नागरिक हैं और मैं भी। मैंने सपने में नहीं सोचा था कि, गांव से निकल कर राष्ट्रपति भवन तक पहुंच जाऊंगा। अपनी भावनाएं व्यक्त करते हुए  कहा कि, अब वो बात नहीं रही कि प्रतिष्ठित परिवार के लोग ही बड़े पदों पर आसीन होते थे। आज राष्‍ट्रपति कानपुर देहात स्थित अपने पैतृक परौख गांव में आयोजित अभिनंदन कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।

उन्होंने विकास का जिक्र करते हुए कहा कि, फ्रेट कॉरिडोर का काम व्यापारियों को बहुत फायदा पहुंचायेगा। साथ ही उन्होंने कहा कि, यूपी वालों के लिए राष्ट्रपति भवन का रास्ता खुल गया है। आप भी वहां तक पहुंच सकते हैं। राष्ट्रपति बनने की अपनी यात्रा का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि, इस गांव और आपके स्नेह से मैं यहां तक पहुंचा हूं। मां- पिता का सम्मान आज किया गया, जो हमारी परंपरा है।

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राष्ट्रपति ने कहा कि 2019 में यहां आने का कार्यक्रम तय था, लेकिन दिल्ली में लोकतांत्रिक प्रक्रिया के चलते आ नहीं सका। 2020 में कोरोना ने नहीं आने दिया। गांव के लोगों से, लेकिन समपर्क बना रहा। गांव की मिट्टी और यादें मेरे साथ हमेशा रहती हैं। मेरा गांव मेरे हृदय में रहता है। इस धरती को शत-शत नमन।

गांव में विकास की बात करते हुये उन्होंने कहा कि, गांव में अच्छे मकान बन गए हैं। बाजार का दृश्य भी अच्छा लगा। पुष्पवर्षा के माध्यम से ग्रामीणों ने मेरा स्वागत किया। जसवंत सिंह, विनय पाल सिंह, हरिभान, चंद्रभान, दशरथ सिंह यादव इन मित्रों का मेरे जीवन में अहम स्थान है। राममनोहर लोहिया जी को परौंख गांव बजरंगसिंह जी लाये थे जो दशरथ सिंह जी के रिश्तेदार रहे। 14-15 साल गांव में बिताए मैंने यहां की यादें भुलाई नहीं जा सकती। मैं हमेशा विद्यालय बनाने के लिए सोचता था, जिसके चलते झलकारी बाई विद्यालय बनाया।

इस दौरान राष्ट्रपति ने बताया कि, मुख्यमंत्री जी ने बाबा साहब की संगमरमर की बड़ी मूर्ति लगाने के निर्देश दिए हैं। इसके अलावा उन्होंने कहा कि, ग्राम पंचायत को अपना घर देने का फैसला सही लगता है। मुख्यमंत्री जी ने कहा है कि, महिलाओं से सम्बंधित योजनाओं को वहां संचालन किया जा सकता है।