प्रणब मुखर्जी, नानाजी देशमुख और भूपेन हजारिका को मिलेगा भारत रत्‍न, गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्‍या पर राष्‍ट्रपति की घोषणा

भारत रत्‍न

आरयू वेब टीम। 

70 वें गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्‍या पर राष्‍ट्रपति रामनाथ कोविंद ने पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, प्रसिद्ध संगीतकार भूपेन हजारिका और राष्‍ट्रीय स्‍वंय सेवक (आरएसएस) से जुड़े रहे नेता एवं समाजसेवी नानाजी देशमुख को देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्‍न देने का ऐलान किया है। नानाजी देशमुख एवं भूपेन हजारिका को यह सम्मान मरणोपरांत प्रदान किया जायेगा। वहीं प्रधानमंत्री ने तीनों को योग्‍दान का सोशल मीडिया पर जिक्र करते हुए इन्‍हें भारत रत्‍न दिए जाने पर प्रसन्‍नता जाहिर की है।

उल्‍लेखनीय है कि प्रणब मुखर्जी कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रहे थे। वह एनडीए सरकार में राष्ट्रपति भी रह चुके हैं। साथ ही संप्रग प्रथम और द्वितीय सरकार में भी हमेशा महत्वपूर्ण पदों पर रहे। प्रणब मुखर्जी के संसदीय कैरियर की बात की जाए तो ये लगभग पांच दशक पुराना है, जो 1969 में कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य के रूप में (उच्च सदन) से शुरू हुआ था। वे 1975, 1981, 1993 और 1999 में फिर से चुने गए।

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बताया जाता है कि संघ से जुड़े नानाजी देशमुख पूर्व में भारतीय जनसंघ से जुड़े थे। 1977 में जनता पार्टी की सरकार बनने के बाद उन्होंने मंत्री पद स्वीकार नहीं किया और जीवन पर्यन्त दीनदयाल शोध संस्थान के अंतर्गत चलने वाले विविध प्रकल्पों के विस्तार के लिए काम करते रहे।

अटल बिहारी वाजपेयी सरकार ने उन्हें राज्यसभा का सदस्य मनोनीत किया था। वाजपेयी के कार्यकाल में ही भारत सरकार ने उन्हें शिक्षा, स्वास्थ्य व ग्रामीण स्वालम्बन के क्षेत्र में अनुकरणीय योगदान के लिये पद्म विभूषण भी प्रदान किया।

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वहीं भूपेन हजारिका पूर्वोत्तर राज्य असम से ताल्लुक रखते थे। अपनी मूल भाषा असमिया के अलावा भूपेन हजारिका हिंदी, बंगला समेत कई अन्य भारतीय भाषाओं में गाना गाते रहे थे। उन्होंने फिल्म “गांधी टू हिटलर” में महात्मा गांधी का पसंदीदा भजन “वैष्णव जन” गाया था। उन्हें पद्मभूषण सम्मान से भी सम्मानित किया गया था।