PM मोदी को पत्र लिख हाई कोर्ट के जज ने नियुक्ति को लेकर लगाए गंभीर आरोप, कहा जातिवाद व वंशवाद से बुरी तरह ग्रस्‍त है न्‍यायपालिका

न्‍यायपालिका

आरयू वेब टीम। इलाहाबाद हाईकोर्ट के जज रंगनाथ पांडेय ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में जजों की नियुक्ति को लेकर गंभीर आरोप लगाए हैं। बुधवार को सामने आए रंगनाथ पांडेय के लेटर में उन्‍होंने कहा कि हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के जजों का सलेक्शन चाय पार्टी और दावतों में किया जाता है। इस चिट्ठी में जज साहब ने लिखा है कि जजों की नियुक्ति में जातिवाद और वंशवाद को वरीयता दी जाती है

जस्टिस पांडे ने लिखा है कि तीन स्‍तंभों में से सर्वाधिक महत्‍वपूर्ण न्‍यायपालिका वंशवाद और जातिवाद से बुरी तरह ग्रस्‍त है। यहां न्‍यायाधीशों के परिवार का सदस्‍य होना ही अगला न्‍यायाधीश होना सुनिश्चित करता है। जस्टिस पांडेय का कहना कि विभिन्‍न प्रतियोगी परीक्षाओं में अनेक मापदंड हैं, लेकिन सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट में ऐसी कोई निश्चित कसौटी नहीं है। यहां एक ही मापदंड है परिवारवाद और भाई-भतीजावाद।

मालूम हो कि इससे पहले देश की अदालतों पर 43 लाख से अधिक मुकदमों के लगातार बढ़ते दबाव के मुद्दे को रेखांकित करते हुए प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई ने पीएम मोदी को तीन पत्र लिखे थे। चिट्ठी में मुख्य न्यायाधीश ने मोदी से सर्वोच्च प्राथमिकता के साथ दो संवैधानिक संशोधनों का अनुरोध किया था।

रंजन गोगोई ने पीएम मोदी से अनुरोध किया था कि सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीशों की संख्या में बढ़ोतरी हो जोकि अभी 31 है जबकि कोर्ट में कुल 58669 मामले लंबित हैं। हाई कोर्ट के जजों की रिटायरमेंट की उम्र 62 से बढ़ाकर 65 वर्ष करने का सुझाव दिया था।