अखिलेश के होटल पर हाईकोर्ट ने लगाई रोक, राज्‍य सरकार से भी मांगा जवाब

मुसलमानों की अनदेखी

आरयू ब्‍यूरो, 

लखनऊ। उत्‍तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में बनने वाले पूर्व मुख्‍यमंत्री अखिलेश यादव के होटल पर इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने तत्‍काल प्रभाव से रोक लगा दी है। वीवीआइपी इलाकों में शुमार विक्रमादित्य मार्ग पर प्रस्तावित इस होटल को लेकर दाखिल की गई याचिका पर शनिवार को हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने सुनवाई की।

कोर्ट ने मामले का स्वतः संज्ञान लेते हुए फिलहाल होटल के निर्माण पर रोक लगाने के बाद याचिका दाखिल करने वाले हाईकोर्ट के अधिवक्‍ता शिशिर चतुर्वेदी को सुरक्षा मुहैया कराने के आदेश दिए हैं। साथ ही राज्य सरकार से भी जवाब मांगा है कि किसके आदेश पर होटल का निर्माण किया जा रहा है। सरकार को इस मामले में अगामी पांच तारीख तक जवाब देना है।

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अखिलेश के होटल पर रोक
इसी निर्माण पर हाई कोर्ट ने लगायी रोक।

अधिवक्ता शिशिर चतुर्वेदी की पीआइएल में कहा गया है कि होटल का निर्माण हाई सिक्योरिटी जोन में हो रहा है। याचिका में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव, सांसद डिंपल यादव, सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव, जनेश्‍वर मिश्र ट्रस्‍ट, लखनऊ विकास प्राधिकरण, पुलिस व प्रशासन के अलावा राज्‍य संपत्ति विभाग समेत कुल 13 लोगों को पार्टी बनाया गया है। ये याचिका 14 अगस्त 2018 को दाखिल की गई थी।

बता दें कि सपा मुखिया और डिम्पल यादव ने बीते जून माह के अंत में होटल बनााने के लिए लखनऊ विकास प्राधिकरण में नक्शा पास कराने का आवेदन दिया था। ये होटल विक्रमादित्य मार्ग स्थित भूखण्‍ड संख्‍या 1-ए पर बनना है। फिलहाल नक्शे की ये फाइल एलडीए के मानचित्र सेल में पेंडिंग है।

सीएम पर हुआ हमला तो कौन लेगा जिम्‍मेदारी-

पीआइएल दाखिल करने वाले शिशिर चतुर्वेदी हाई कोर्ट के अधिवक्‍ता होने के साथ ही हिन्‍दू महासभा की ओर से राम जन्‍म भूमि विवाद के पैरोकार भी हैं। शिशिर चतुर्वेदी का कहना है कि अखिलेश यादव जहां होटल बनवा रहे हैं, उससे ही सटा सीएम आवास है। मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ पर पहले से ही आतंकी हमले का खतरा है, ऐसे में अगर होटल बनने के बाद किसी ने उसका इस्‍तेमाल करते हुए सीएम पर हमला किया तो इसका जिम्‍मेदार कौन होगा।

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उन्‍होंने आगे कहा कि अधिकारियों को सीएम की सुरक्षा से जुड़े मामले के बारे में खुद ही सोचना चाहिए, लेकिन उनकी लापरवाही के चलते उन्‍हें हाई कोर्ट का सहारा लेना पड़ा। एडवोकेट ने आरोप लगाते हुए ये भी कहा है कि पीआइएल दाखिल करने के बाद से सपा से जुड़े लोग उनपर दबाव बनाने के अलावा तरह-तरह के प्रलोभन भी दे रहें हैं। इतना ही नहीं उनके घर के आसपास भी संदिग्‍ध लोग टहल रहे थे। इसकी जानकारी देने पर हाई कोर्ट ने न सिर्फ आज पूरा मामला अपने हाथ में ले लिया है, बल्कि उनकी सुरक्षा का प्रबंध करने का भी आदेश दिया है।

जानें क्‍या बोले जिम्‍मेदार-

वहीं इस बारे में एलडीए उपाध्‍यक्ष प्रभु एन सिंह को शनिवार शाम सात बजे तक कोई जानकारी नहीं थी। एलडीए वीसी ने कहा कि उन्‍हें अभी हाईकोर्ट के फैसले के बारे में जानकारी नहीं हैं। इसके अलावा होटल निर्माण का मामला भी अब तक उनके संज्ञान में नहीं आया है। इस बारे में वो पता लगाएंगे।

दूसरी ओर मानचित्र सेल प्रभारी भूपेंद्र वीर सिंह ने बताया कि होटल के लिए नक्‍शा अप्‍लाई किया गया है। फिलहाल नक्‍शा अप्रूव या रिजेक्‍ट नहीं किया गया है। नगर निगम, अग्निश्‍मन व दूसरे विभागों से एनओसी मिलने या न मिलने के बाद ही इस पर फैसला हो पाएगा।

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