सपा प्रत्याशी का नामांकन निरस्त होने पर अखिलेश का भाजपा व EC पर हमला, ‘ये सरेआम लोकतंत्र की हत्या’

अखिलेश यादव

आरयू ब्यूरो, लखनऊ। मध्य प्रदेश में विपक्षी दलों के ‘इंडिया’ गठबंधन को झटका लगा है। खजुराहो संसदीय क्षेत्र से समाजवादी पार्टी की उम्मीदवार मीरा दीपक यादव का नामांकन निरस्त हो गया है। जिसपर अखिलेश यादव ने भाजपा और चुनाव आयोग पर निशाना साधते हुए कहा कि पर्चा निरस्त करना लोकतांत्रिक अपराध है।

अखिलेश ने एक्स पर पोस्ट कर कहा, “खजुराहो सीट से इंडिया गठबंधन की सपा प्रत्याशी मीरा यादव का नामांकन निरस्त करना सरेआम लोकतंत्र की हत्या है। कहा जा रहा है कि हस्ताक्षर नहीं थे तो फिर देखने वाले अधिकारी ने फार्म लिया ही क्यों।” ये सब बहाने हैं और हार चुकी भाजपा की हताशा। जो न्यायालय के कैमरे के सामने छल कर सकते हैं वो फार्म मिलने के बाद पीठ पीछे क्या-क्या साजिश रचते होंगे।

सपा सुप्रीमो ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा बात में ही नहीं काम में भी झूठी है और समस्त प्रशासनिक तंत्र को भ्रष्ट बनाने की दोषी भी। इस घटना की भी न्यायिक जांच हो, किसी का पर्चा निरस्त करना लोकतांत्रिक अपराध है।”

फॉर्म दुरुस्त करने की जिम्मेदारी निर्वाचन अधिकारी की

उधर, सपा उम्मीदवार के पति दीप नारायण यादव ने निर्वाचन अधिकारी पर आरोप लगाते हुए कहा है कि नामांकन में जब कमी रहती है और कोई अनपढ़ उम्मीदवार है तो उसका भी फॉर्म दुरुस्त करने की जिम्मेदारी निर्वाचन अधिकारी और संबंधित की है, लेकिन कल उसे स्वीकार किया गया, अब उसमें दो कमी बताई जा रही है। वोटर लिस्ट सत्यापित संलग्न है, उसे वह पुरानी बता रहे हैं और दो जगह हस्ताक्षर होते हैं, उनमें से एक जगह ही हस्ताक्षर होने की बात कही है। जिला निर्वाचन अधिकारी अगर कहते कि संलग्न मतदाता सूची पुरानी है तो हमारी ओर से नई उपलब्ध कराई जा सकती थी। ऐसा निर्वाचन अधिकारी की ओर से नहीं किया गया।

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वहीं इस संबंध में पन्ना के निर्वाचन अधिकारी और कलेक्टर सुरेश कुमार ने संवाददाताओं को बताया है कि मीरा दीपक यादव का नामांकन निरस्त कर दिया गया। इसकी दो वजह हैं। मीरा दीपक यादव की ओर से सत्यापित मतदाता सूची नामांकन के साथ संलग्न नहीं की गई। साथ ही हस्ताक्षर भी नहीं किया गया।

बता दें कि खजुराहो संसदीय क्षेत्र में द्वितीय चरण में 26 अप्रैल को मतदान होना है और यहां नामांकन भरने का अंतिम दिन चार अप्रैल था। शुक्रवार को नामांकन पत्रों की स्क्रूटनी की गई और कमियों के चलते सपा उम्मीदवार का नामांकन निरस्त कर दिया गया।

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