आरयू वेब टीम। मैंने स्वनिधि योजना के लाभार्थियों से संवाद करते हुए ये अनुभव किया कि सभी को खुशी भी है और आश्चर्य भी है। पहले तो नौकरी वालों को लोन लेने के लिए बैंकों के चक्कर लगाने होते थे, गरीब आदमी तो बैंक के भीतर जाने का भी नहीं सोच सकता था, लेकिन आज बैंक खुद आ रहा है। आज कम पढ़े-लिखे लोग जो दिहाड़ी रोजगार का काम करते हैं, उन्हें भी बिना किसी दिक्कत के बैंक से कर्ज मिल रहा है, ताकि वो अपना काम आगे बढ़ा सकें।
उक्त बातें मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पीएम स्वनिधि योजना के लाभार्थियों से संवाद कर अपने संबोधन में कही। मोदी ने आगे कहा कि कोरोना ने दुनिया पर हमला किया, लेकिन भारत में गरीबों ने इसका डटकर सामना किया। आज योजनाएं जमीन पर उतर रही और लोगों की आशंकाएं पूरी हो रही हैं। इस मौके पर पीएम ने बैंक कर्मियों को धन्यवाद दिया और उनके काम की सराहना की।
साथ ही प्रधानमंत्री ने स्वनिधि योजना’ के लाभार्थियों वाराणसी के मोमोज एवं काफी का ठेला लगाने वाले अरविंद मौर्या से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संवाद किया। अरविंद मौर्या ने संवाद के दौरान बताया कि वे दुर्गाकुंड स्थित सीएमओ ऑफिस के पास वेंडिंग जोन में मोमोज व काफी का ठेला लगाते हैं।
सबरी की तरह खिलाएंगे मोमोज
पीएम ने अरविंद से पूछा कि आप मोमोज कैसे बनाते हैं, इस पर अरविंद ने मोमोज बनाने की प्रक्रिया प्रधानमंत्री को बतायी। जिसपर मोदी ने कहा कि हम बनारस आते हैं तो लोग हमें तो मोमोज नहीं खिलाते। इस पर अरविंद ने प्रधानमंत्री से वायदा किया कि इस बार उन्हें बनारस आने पर उन्हें मोमोज खिलाएंगे। इस पर प्रधानमंत्री ने चुटकी लेते हुए कहा कि उनके सिक्योरिटी के लोग उन्हें सब कुछ ऐसे ही नहीं खाने देते। जिस पर अरविंद ने प्रधानमंत्री से कहा कि वे रामायण सबरी की तरह उन्हें मोमोज अवश्य खिलाएंगे।
…कोई बना रहा बेवकूफ
प्रधानमंत्री द्वारा स्वनिधि योजना का लाभ पाने के लिए अरविंद को कितना भागदौड़ करना पड़ा और किन-किन अधिकारियों के हाथ पैर पकड़ने पड़े की जानकारी पूछने पर अरविंद मौर्या ने प्रधानमंत्री को बताया कि उन्हें कहीं भी भागदौड़ नहीं करना पड़ा। डूडा एवं नगर निगम द्वारा सर्वे किया गया था और सर्वे के एक सप्ताह बाद यूनियन बैंक ऑफ इंडिया सोनारपुरा ब्रांच से जहां पर उनका पहले से खाता हैं से फोन आया कि आपका लोन आया है और नगर निगम से बना हुआ कार्ड आधार कार्ड लेकर से बैंक आने को कहा। इस पर उन्हें बहुत आश्चर्य हुआ और लगा कि कोई उन्हें बेवकूफ बना रहा।
मास्क लगाकर आने वालों ग्राहकों को देते हैं मोमोज फ्री
कोरोना काल में व्यापार बाधित होने और उस से आने वाली परेशानी का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने अरविंद से पूछा कि कोरोना से बचने के लिए एवं लोगों को जागरूक करने के लिए वे क्या करते हैं और अपना धंधा कैसे चलाते हैं। अरविंद ने बताया कि उनकी दुकान पर मास्क लगाकर आने वालों को एक मोमोज फ्री देने की उनकी ग्राहकों से स्कीम है। इस पर प्रधानमंत्री ने उनका स्वागत करते हुए कोरोना से बचाव हेतु लोगों को जागरूक करने हेतु धन्यवाद के दिया। मोमोज की ऑनलाइन होम डिलीवरी के बाबत पूछे जाने पर अरविंद ने बताया कि पिंकी के माध्यम से वे ऑनलाइन डिलीवरी भी करते हैं।
यूपी से आए सबसे अधिक आवेदन
इसके अलावा मोदी ने कहा कि कोविड-19 से प्रभावित गरीब स्ट्रीट वेंडरों की मदद के लिए एक जून 2020 को पीएम स्वनिधि योजना शुरू की गई थी, जो आजीविका गतिविधियों को फिर से शुरू करते हैं। अब तक, इस योजना के तहत कुल 24 लाख से अधिक आवेदन प्राप्त हुए हैं, जिनमें से 12 लाख से अधिक को मंजूरी दी गई है और लगभग 5.35 लाख ऋण वितरित किए गए हैं। उत्तर प्रदेश राज्य में, छह लाख से अधिक आवेदन आए हैं, जिनमें से लगभग 3.27 लाख मंजूर किए गए हैं और 1.87 लाख ऋण वितरित किए गए हैं। इस योजना के तहत सबसे अधिक आवेदन यूपी से ही आए हैं और यूपी में तेजी से कर्ज को मंजूरी दी जा रही है। इस दौरान विपक्ष पर निशाना साधते हुए मोदी ने कहा कि गरीब के नाम पर राजनीति करने वालों ने गरीबों को लोन ना देने का माहौल बनाया था और खुद घोटाले करने वालों ने बेइमानी का ठीकरा गरीबों पर फोड़ा है। पीएम मोदी ने इस दौरान डिजिटल लेनदेन के लाभ बताए।
आजादी के बाद पहली बार बनी इस तरह की योजना
रेहड़ी-पटरी वालों से हुए इस संवाद के दौरान उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी उपस्थित थे। पीएम मोदी ने कहा कि इस तरह की योजना आजादी के बाद पहली बार बनी है। मेरे गरीब भाई बहनों को कैसे कम से कम तकलीफ उठानी पड़े, सरकार के सभी प्रयासों के केंद्र में यही चिंता थी। इसी सोच के साथ देश ने एक लाख 70 हजार करोड़ से गरीब कल्याण योजना शुरू की।
संवाद की शुरुआत में आगरा की प्रीति ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान बहुत परेशानियों का सामना करना पड़ा था। इस दौरान नगर निगम से मदद मिल और उन्होंने काम फिर शुरू किया। इस योजना के तहत, सड़क विक्रेताओं को रियायती दरों पर 10,000 रुपये तक की कार्यशील पूंजी मिल सकती है। अब तक, उत्तर प्रदेश को विक्रेताओं से 557,000 आवेदन प्राप्त हुए हैं, जो पूरे देश में सबसे अधिक है।