आरयू ब्यूरो,
लखनऊ। एक ओर जहां योगी सरकार अपने एक साल पूरे करने का जश्न मना रही है। वहीं दूसरी ओर आज बसपा सुप्रीमो मायावती ने योगी सरकार पर हमला बोलते हुए कई सवाल उठाएं हैं। मायावती ने योगी सरकार के कार्यकाल को “एक साल, बुरी मिसाल’’ का उदाहरण देते हुए कहा कि यही कारण है कि गोरखपुर व फूलपुर के लोकसभा उपचुनाव में जनता ने उसे सबक सिखा दिया है।
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पूर्व मुख्यमंत्री ने अपने एक बयान में कहा कि प्रदेश की जनता से वादा खिलाफी करने व उसे केवल लच्छेदार बातों में फुसलाने व धार्मिक उन्मादों में बहकाने की भूल करने का ही नतीजा है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को अपनी परंपरागत लोकसभा सीट भी गंवानी पड़ी है। मायावती ने आगे कहा कि इससे पहले शहरी निकाय के चुनाव में भी वे अपने मठ की सीट पर चुनाव हार गए थे। यह बात इसका प्रमाण है कि जनता को कभी भी मूर्ख नहीं समझना चाहिए और ना ही उसे बार-बार बेवकूफ बनाने की कोशिश करनी चाहिये।
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योगी सरकार के कार्यकाल पर बात करते हुए बसपा सुप्रीमो ने कहा कि योगी सरकार ने साल भर गरीबों, मजदूरों, बेरोजगारों व आमजनता का भला करने पर ध्यान केंद्रित करने की जगह न सिर्फ धार्मिक कर्मकाण्डों व पूजा-पाठ में ही ज्यादा समय व्यस्त रही। बल्कि यह भी भूल गयी कि यूपी जैसे बड़े राज्य की 22 करोड़ गरीब व पिछड़ी जनता के लिये सही नीयत व निष्ठा भाव से काम करना ही असली पूजा व सच्चा राजधर्म है।
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केंद्र सरकार की बात करते हुए मायावती ने अपने बयान में कहा कि जिस प्रकार मोदी सरकार भ्रष्टाचार उन्मूलन व कालाधन वापसी जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर पूरी तरह से फेल साबित हुई और उसका पहला साल किसानों को भूमिहीन बनाने वाले नए भूमि अधिग्रहण अध्यादेशों के कारण अत्यंत निराशाजनक रहा था, ठीक उसी प्रकार योगी सरकार भी किसानों की कर्जमाफी, गन्ना किसानों का बकाया, रोजगार व युवाओं व छात्रों के हित संबंधी वादों तथा प्रदेश में विकास व सुरक्षा आदि के जनहिताय के मामलों में बुरी तरह से विफल साबित हुई है। उसका परिणाम लोकसभा उपचुनाव में बीजेपी की करारी हार के रूप में देश के सामने आया है।