आवाज दबाने का आरोप लगा प्रदर्शन कर रहे दिव्यांगों को पुलिस ने घसीटा, गाड़ियों में भरकर ईको गार्डन छोड़ा

दिव्यांगों का प्रदर्शन
प्रदर्शन कर रही महिला को ले जाती पुलिस।

आरयू ब्यूरो, लखनऊ। प्रदेश में दिव्यांगों की आवाज दबाने का आरोप लगा उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के दिव्यांग प्रकोष्ठ के पदाधिकारियों ने बुधवार को विधानसभा के बाहर जमकर प्रदर्शन किया। साथ ही दिव्यांगजनों से जुड़ी विभिन्न मांगों और अधिकारों को लेकर सड़क पर लेटकर विरोध जताया। जिसे रोकने के लिए पुलिसकर्मियों ने उन्हें  घसीटकर जबरन गाड़ियों में बैठाया और ईको गार्डन पार्क में ले जाकर छोड़ दिया।

वहीं प्रदर्शन कर रहे दिव्यांगों ने कहा कि प्रदेश में दिव्यांगों की आवाज लंबे समय से दबाई जा रही है। मौके पर पहुंची पुलिस ने उन्हें समझाने की कोशिश की, लेकिन वो नहीं माने। सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते रहे। इस पर उनकी पुलिसकर्मियों से नोकझोंक हुई। पुलिसकर्मियों ने उन्हें घसीटकर गाड़ियों में बैठाया। उसके बाद ईको गार्डन पार्क में ले जाकर छोड़ दिया। दिव्यांगों ने कहा कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं हो जाएंगी। आंदोलन जारी रहेगा।

इस दौरान दिव्यांग मोहम्मद जुबैर ने कहा कि हम लोग लंबे समय से संघर्ष कर रहे हैं, मगर कुछ सुनवाई नहीं हो रही। दिव्यांग पेंशन बढ़ाकर 3000 प्रति माह किया जाए। दिव्यांगों को हर जगह सहूलियत दिया जाए। हमारा शब्द बदल दिया गया विकलांग से दिव्यांग कर दिया गया, मगर इससे हमारे जीवन में कोई बदलाव नहीं आया।

यह भी पढ़ें- संसद सत्र के दूसरे दिन विपक्ष के सांसदों ने किया प्रदर्शन, वोटर लिस्‍ट पुनरीक्षण को बताया भारतीय अधिकारों की चोरी

साथ ही प्रदर्शन करके दिव्यांग ने कहा कि उन्हें समान अधिकार और सुविधाएं नहीं दी जा रही हैं। दिव्यांगजनों को सरकारी नौकरियों में आरक्षण, शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं में प्राथमिकता और सार्वजनिक स्थानों सुगमता से पहुंचने की व्यवस्था की जाए। कानपुर से आए दिव्यांग अरविंद सिंह ने कहा कि हम लोग 26 सूत्री मांगों को लेकर लगातार विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। लेखपाल भर्ती का दिव्यांगों का नियुक्त पत्र दिया जाए।

यह भी पढ़ें- प्रदेशभर के कोटेदारों ने जवाहर भवन का घेराव कर किया प्रदर्शन, उठाई कमीशन बढ़ाने की मांग