आरयू ब्यूरो, लखनऊ। यूपी की स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर गुरुवार को आम आदमी पार्टी ने योगी सरकार पर हमला बोला है। आप ने कहा है कि उत्तर प्रदेश में दिन-प्रतिदिन स्वास्थ्य सेवाएं पटरी से उतरती जा रही हैं। स्वास्थ्य का जिम्मा संभाल रहे उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक केवल बैठक व छापेमारी कर वीडियो बनाकर वाहवाही लूट रहे हैं, जबकि सरकारी अस्पतालों में लोग इलाज के लिए परेशान हैं।
आप के प्रदेश प्रवक्ता महेंद्र सिंह ने आरोप लगाते हुए कहा कि सरकारी अस्पतालों में बड़ी-बड़ी लाइनें यह दिखा रही है कि उनके हर अस्पताल में आधे घंटे में रजिस्टेशन काउंटर का काम पूरा हो जाने का दावा भी हवा-हवाई है। साथ ही कहा कि बीते दिनों राजभवन के सामने एम्बुलेंस की देरी से हुई नवजात की मौत हो या फिर सरकारी अस्पताल कर्मियों की मनमानी हो। सरकारी अस्पतालों में दवाएं उपलब्ध नहीं हैं। चिकित्सक बाहर की दवाएं लिख रहे हैं, जबकि गुरुवार को डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने एनेक्सी भवन में सभी चिकित्सा संस्थानों के प्रमुख की बैठक में इस बाबत निर्देश जारी किये हैं कि अस्पताल में उपलब्ध दवाओं की जानकारी साइन बोर्ड पर दर्ज की जाए। यह आदेश भी फाइलों में धूल चाट रहा है। चिकित्सक अपने पर्चे पर दवाओं का जेनरिक नाम नहीं लिख रहे हैं।
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वहीं जो दवाएं चिकित्सक लिखते हैं वह जिलों के ड्रग वेयर हाउस में उपलब्ध नहीं हैं, उन्हें मरीजों को उपलब्ध कराया जाए। गंभीर मरीजों के लिए वेंटीलेटर-आईसीयू की व्यवस्था तो दूर की कौड़ी है। ज्यादातर संस्थान मरीजों को अपने यहां से रिफर करने में तत्पर दिखायी देते हैं ताकि मरीजों की जिम्मेदारी से बच सकें।
इतना ही नहीं यूपी सरकार में आपातकालीन वार्ड में चिकित्सक एवं पैरामेडिकल स्टाफ की पर्याप्त ड्यूटी नहीं लग पा रही है। मरीजों के लिए एंबुलेंस, व्हीलचेयर, स्ट्रेचर, आवश्यक दवाइयां, उपकरणों, पंखा-कूलर की व्यवस्था जस की तस है। आइपीडी वार्ड में जो भोजन उपलब्ध कराया जाता है, उनकी गुणवत्ता ऐसी है कि कोई भी खाना गंवारा नहीं करेगा।