आरयू वेब टीम। गुजरात दंगों को लेकर बीबीसी ने की ओर से एक डॉक्यूमेंट्री बनाई गई थी। इस डॉक्यूमेंट्री को लेकर अब विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को बड़ा बयान दिया है। विदेश मंत्रालय ने साफ तौर पर कहा कि इस डॉक्यूमेंट्री के जरिए भारत के खिलाफ एक खास किस्म का दुष्प्रचार चलाने की कोशिश की गई। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि इसमें शामिल लोग और संगठन एक खास किस्म की सोच रखता है। इस डॉक्यूमेंट्री में कतई तथ्य और तटस्थता नहीं है। यह औपनिवेशिक मानसिकता से संचालित है। अरिंदम बागची ने बताया कि कहा कि हमें लगता है कि यह एक प्रोपोगेंडा पीस है। इसकी कोई वस्तुनिष्ठता नहीं है, यह पक्षपातपूर्ण है।
मीडिया से बात करते हुए आगे कहा कि ध्यान दें कि इसे भारत में प्रदर्शित नहीं किया गया है। विदेश मंत्रालय ने आगे कहा कि कुछ भी हो, यह फिल्म या डॉक्यूमेंट्री उस एजेंसी और व्यक्तियों पर एक प्रतिबिंब है जो इस कहानी को फिर से फैला रहे हैं। यह हमें इस कवायद के उद्देश्य और इसके पीछे के एजेंडे के बारे में सोचने पर मजबूर करता है। स्पष्ट रूप से, हम इस तरह के प्रयासों को प्रतिष्ठित नहीं करना चाहते।
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वहीं विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने ये भी कहा कि हम जानते हैं कि हाल ही में ऑस्ट्रेलिया में कुछ मंदिरों को तोड़ा गया है। हम इसकी कड़ी निंदा करते हैं। इसकी ऑस्ट्रेलियाई नेताओं, समुदाय के नेताओं और वहां के धार्मिक संगठनों द्वारा भी सार्वजनिक रूप से निंदा की गई है। बागची ने कहा कि मेलबर्न में हमारे महावाणिज्य दूतावास ने मामले को स्थानीय पुलिस के समक्ष उठाया है। हमने अपराधियों के खिलाफ शीघ्र जांच और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के उपायों का अनुरोध किया है। इस मामले को ऑस्ट्रेलियाई सरकार के साथ भी उठाया गया है और हम इसके लिए तत्पर हैं।
एक साक्षात्कार में भारत पर पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ की हालिया टिप्पणी पर विदेश मंत्रालय ने कहा कि हमने कहा है कि हम हमेशा पाकिस्तान के साथ सामान्य पड़ोसी जैसा संबंध चाहते हैं, लेकिन ऐसा अनुकूल माहौल होना चाहिए जिसमें आतंक, दुश्मनी या हिंसा न हो। यह हमारी स्थिति बनी हुई है।