आरयू वेब टीम। सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए विजया राजे सिंधिया के जन्म शताब्दी वर्ष के समापन दिवस समारोह के अवसर पर विशेष स्मारक के तौर पर 100 के सिक्के का विमोचन किया।
इस मौके पर आज प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछली शताब्दी में भारत को दिशा देने वालों में राजमाता विजयाराजे सिंधिया भी शामिल थीं। राजमाताजी केवल वात्सल्यमूर्ति ही नहीं थीं, वो एक निर्णायक नेता थीं और कुशल प्रशासक भी थीं।
पीएम मोदी ने आगे कहा कि राष्ट्र के भविष्य के लिए राजमाता ने अपना वर्तमान समर्पित कर दिया था। देश की भावी पीढ़ी के लिए उन्होंने अपना हर सुख त्याग दिया था। राजमाता ने पद और प्रतिष्ठा के लिए न जीवन जीया, न राजनीति की। राजमाता के आशीर्वाद से देश आज विकास के पथ पर आगे बढ़ रहा। गांव, गरीब, दलित-पीड़ित-शोषित-वंचित, महिलाएं आज देश की पहली प्राथमिकता में हैं।
370 खत्म करके देश ने बहुत बड़ा सपना किया पूरा
साथ ही प्रधानमंत्री ने कहा कि आर्टिकल 370 खत्म करके देश ने उनका बहुत बड़ा सपना पूरा किया है और ये भी कितना अद्भुत संयोग है कि रामजन्म भूमि मंदिर निर्माण के लिए उन्होंने जो संघर्ष किया था, उनकी जन्मशताब्दी के साल में ही उनका ये सपना भी पूरा हुआ है।
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प्रधानमंत्री ने उन्हें याद करते हुए कहा कि एकता यात्रा के समय विजया राजे सिंधिया जी ने मेरा परिचय गुजरात के युवा नेता नरेंद्र मोदी के तौर पर कराया था, इतने वर्षों बाद आज उनका वही नरेंद्र देश का प्रधानसेवक बनकर उनकी अनेक स्मृतियों के साथ आपके सामने है। आज राजमाता जहां भी हैं, हम सबको देख रही हैं, हमें आशीर्वाद दे रहीं हैं। जिनका उनसे सरोकार रहा है, जिनकी वो सरोकार रही हैं, वो कुछ लोग इस कार्यक्रम में मौजूद हैं। देश में ये कार्यक्रम आज वर्चुअल रूप से मनाया जा रहा है।
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पीएम ने कहा कि स्वतंत्रता आंदोलन से लेकर आजादी के इतने दशकों तक, भारतीय राजनीति के हर अहम पड़ाव की वो साक्षी रहीं। आजादी से पहले विदेशी वस्त्रों की होली जलाने से लेकर, आपातकाल और राम मंदिर आंदोलन तक, राजमाता के अनुभवों का व्यापक विस्तार रहा है। राजमाता जी कहती भी थीं- मैं एक पुत्र की नहीं, मैं तो सहस्त्रों पुत्रों की मां हूं। हम सब उनके पुत्र-पुत्रियां ही हैं, उनका परिवार ही हैं। ये मेरा बहुत बड़ा सौभाग्य है कि मुझे राजमाता की स्मृति में 100 रुपये के विशेष स्मारक सिक्के का विमोचन करने का मौका मिला।