स्‍वतंत्र देव का अखिलेश पर पलटवार, दंगाईयों के मुकदमें वापस लेना ही सपा का मूल चरित्र, NPR को लेकर कहीं ये बातें

बुंदेलखंड के विकास

आरयू ब्‍यूरो, लखनऊ। यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव द्वारा नागरिकता संशोधन कानून व एनआरसी के विरोध के दौरान हुए बवाल के मामले में आरोपितों से मुकदमें वापस लेने की बात पर बीजेपी के प्रदेश अध्‍यक्ष स्‍वतंत्र देव सिंह ने पलटवार किया है। प्रदेश अध्‍यक्ष के अनुसार दंगाईयों के मुकदमें वापस लेना ही सपा का मूल चरित्र है। साथ ही आज उन्‍होंने अखिलेश यादव द्वारा एनपीआर का विरोध करने की बात पर भी सपा अध्‍यक्ष को जवाब दिया है।

स्‍वतंत्र देव के अनुसार एनपीआर कोई नई व्यवस्था नहीं, पहले से चली आ रही है। 2011 की जनगणना से गरीबों का एक डाटाबेस तैयार हुआ था। एनपीआर 2021 में होने जा रही जनगणना का आधार बनेगा। यह हर दस साल में अपडेट होती है। इसमें किसी तरह के कागजात और सबूत नहीं मांगे जाते। जो जनता कहती है वही सही है। देश के सामान्य नागरिकों की व्यापक पहचान का डाटाबेस बनाना इसका मुख्य लक्ष्य है। केंद्र की सारी योजनाएं इसी डाटाबेस के आधार पर बनाई जाती हैं। और यह देश के हर नागरिक का जीवन बेहतर बनाने के लिए बनाई जा रही योजनाओं का आधार बनता है, लेकिन इन सबके बावजूद विपक्षी दल जनता को गुमराह कर रहें हैं।

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रविवार को अखिलेश यादव की प्रेसवार्ता के बाद स्‍वतंत्र देव सिंह ने बीजेपी के प्रदेश मुख्‍यालय पर मीडिया से बात करते हुए कहा कि जिस प्रकार अखिलेश यादव दंगाईयों के मुकदमें वापस लेने की बात कह रहे हैं। इसमें कोई आश्चर्य नहीं है। जब अखिलेश उन आंतकवादियों के मुकदमें वापस लेने का प्रयास कर सकते हैं। जिन्होंने कचहरी में बम विस्फोट कर निर्दोषों की हत्याएं की थी। जिन्हें योगी सरकार की विशेष पैरोकारी की वजह से अदालत ने उनके कुकर्मों की सजा दी है।

साथ ही प्रदेश अध्‍यक्ष ने विपक्ष को निशाने पर लेते हुए कहा कि भाजपा देश के नागरिकों के हितों के लिए कोई भी अच्छा काम करेगी तो विपक्षी पार्टियां उसके विरोध में आवास उठाएंगी। हम यदि बताते हैं कि सूर्य पूर्व से निकलता होता है तो सपा, बसपा, कांग्रेस व अन्य पार्टियां उसे पश्चिम से उदय बताएगें।

प्रियंका पर भी उठाएं सवाल

इस दौरान स्‍वतंत्र देव ने कांग्रेस को निशाने पर लेते हुए कहा कि कांग्रेस के नेता उपद्रवियों का समर्थन कर रहे है।  जिन उपद्रवियों ने पाकिस्तान जिंदाबाद और भारत तेरे टुकडे होंगे के नारे लगाए, पुलिस के मना करने पर हिंसा पर उतर आए, फायरिंग की, बम चलाए, पत्थर बरसाए। प्रियंका वाड्रा ऐसे उपद्रवियों एवं उनके समर्थकों के घर जाकर कौन सा संदेश देना चाह रही है। कांग्रेस के नेता मारे गए दंगाइयों को शहीद का दर्जा देकर उन्हें मुआवजा देने की बात करते है। यह हमारे देश के शहीदों का घोर अपमान है जिन्होंने देश के दुश्मनों से लड़ते हुए अपने प्राण न्यौछावर किए।

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