आरयू ब्यूरो, लखनऊ। नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में यूपी समेत देश भर में हो रहें शांतिपूर्वक व हिंसक प्रदर्शनों के बीच शुक्रवार को बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने कहा कि नागरिकता संशोधन कानून किसी भी भारतीय की, चाहे वह किसी भी धर्म का मानने वाला हो उसके अधिकार को प्रभावित नहीं करता है।
प्रदेश अध्यक्ष ने आज राजधानी लखनऊ में आयोजित एक कार्यक्रम में आगे कहा कि यह सिर्फ अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश में सताए गए धार्मिक अल्पसंख्यकों की रक्षा करने की बात करता है। इस कानून से किसी भी भारतीय मुस्लिम के हितों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।
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प्रदेश अध्यक्ष कायक्रम में मुस्लिम समाज के धर्म गुरूओं को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने दावा किया कि विचार विमर्श और सभी पक्षों से बातचीत के बाद इस कानून की रूपरेखा तैयार की गई थी। साथ ही प्रदेश अध्यक्ष ने इस कानून से आक्रोशित चल रहे लोगों से अपील भी की है कि वह किसी के भी बहकावें में न आकर शांति व सौहार्द बनाए रखने में अपनी भूमिका का निर्वहन करें।
नागरिकता संशोधन कानून से मुसलमानों को कोई खतरा नहीं
वहीं लोगों को संबोधित करते हुए शिया धमगुरू मौलाना कल्वे जवाद ने कहा कि नागरिकता संशोधन कानून से मुसलमानों को कोई खतरा नहीं है। किसी को अगर इस कानून से कोई भ्रम है तो बात करना चाहिए। उन्होंने बिना किसी पार्टी का नाम लिए हुए कहा कि फसाद से राजनीतिक पार्टियों का फायदा होगा और मुसलमानों का नुकसान होगा। पार्टियां यही चाहती है कि मुसलमानों का नुकसान हो, ताकि वह मुसलमानों की हमदर्दी हासिल कर सके।
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भ्रम फैलाने और मुस्लिमों को गुमराह करने का काम कर रहा विपक्ष
इसके साथ ही नागरिकत संशोधन कानून के मुद्दे पर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने आज कांग्रेस, सपा व बसपा को निशाने पर लेते हुए कहा कि विपक्ष इस विषय को लेकर केवल भ्रम फैलाने और मुस्लिमों को गुमराह करने का काम कर रहा है। पिछले 60 सालों में विपक्ष ने यही रणनीति अपनाकर अल्पसंख्यकों को बुनियादी सुविधाओं और उनके अधिकार से वंचित रखा। अब जब मोदी-योगी सरकार की ‘सबका साथ-सबका विकास‘ की नीति से उन्हें भी मुख्यधारा से जोड़कर विकास में हिस्सेदार होने का मौका मिल रहा है तो विपक्ष अपनी खिसकती जमीन को बचाने के लिए बंटवारे, अराजकता और हिंसा की राजनीति कर रहा है।
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इस दौरान शिया धर्मगुरू मौलान रजा हुसैन, सूफी धर्मगुरू मौलाना मोइनुद्दीन अशरफ, शिया धर्मगुरू मौलाना शबाहत हुसैन, सूफी धर्मगुरू मौलाना जलालुद्दीन, मौलाना हसनैन बकई, मौलाना अलीशाह मलंग समेत अन्य लोग मौजूद रहें।