प्रयागराज महाकुंभ में फिर लगी आग, 15 से अधिक टेंट जलकर खाक

महाकुंभ में आग
महाकुंभ में टेंट से उठतीं आग की लपटें।

आरयू ब्यूरो, प्रयागराज। संगम नगरी प्रयागराज में महाकुंभ भगदड़ में दर्जनों श्रद्धालुओं की मौत के बाद का मेला क्षेत्र में गुरुवार को एक बार फिर आग लग गई है। जो देखते ही देखते कई पंडालों में फैल गई। मौके पर फायर ब्रिगेड की टीम पहुंची और कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पा लिया। आगजनी में 15 से ज्यादा टेंट जलकर खाक हो गए। गनीमत रही कि इस घटना में कोई जनहानि नहीं हुई है।

मिली जानकारी के अनुसार, आग मेला क्षेत्र के झूंसी छतनाग घाट नागेश्वर घाट सेक्टर-22 के पास लगी। जिससे इलाके में हड़कंप मच गया। लोग इधर-उधर भागने लगे। इस संबंध में कुंभ के मुख्य अग्निशमन अधिकारी प्रमोद शर्मा ने बताया कि सेक्टर 22 के बाहर चमनगंज पुलिस चौकी क्षेत्र में आज दोपहर आग लगने की सूचना प्राप्त हुई थी जिसपर तत्काल कार्रवाई करते हुए आग को बुझाया गया। उन्होंने बताया कि घटनास्थल तक पहुंचने के लिए मार्ग नहीं होने से दमकल की गाड़ियों को आने में दिक्कत हुई। हालांकि आग को पूरी तरह से बुझा लिया गया और कोई जनहानि नहीं हुई और ना ही कोई घायल हुआ।

वहीं उप जिलाधिकारी (एसडीएम) के मुताबिक, यह टेंट अनधिकृत तौर पर लगाया था। इस आग में 15 टेंट जल गए। आग लगने के कारणों की जांच की जा रही है। साथ ही महाकुंभ मेला में मौजूद टेंटों को हिदायत दी जा रही है। एसडीएम ने बताया कि जिस इलाके में आग लगी थी, वह चमनगंज चौकी के अंतर्गत आता है। स्थानीय पुलिस को भी जानकारी दे दी गई है।

कुंभ मेला क्षेत्र में आग लगने की यह तीसरी घटना है। गत 19 जनवरी को महाकुंभ में शास्त्री ब्रिज के पास सेक्टर-19 में गीता प्रेस के शिविर में आग लगी थी जिसमें कई कॉटेज जल गए थे। महाकुंभ प्रशासन के मुताबिक, गीता प्रेस की रसोई में छोटे सिलेंडर से चाय बनाते समय गैस लीक होने से हादसा हुआ था। आग लगने से रसोई में रखे दो गैस सिलेंडर ब्लास्ट हुए थे।

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गौरतलब है कि प्रयागराज महाकुंभ में चुस्त-दुरुस्त व्यवस्था के तमाम दावों के बावजूद एक दिन पहले भीषण भगदड़ मच गई थी, जिसमें 30 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई, जबकि कई लोग घायल हुए हैं। उत्तर प्रदेश सरकार ने पहले तो भगदड़ की घटना की जानकारी देने में हीलाहवाली की और फिर करीब 18 घंटे बाद श्रद्धालुओं की मौत की पुष्टि की। कुंभ में लगातार आग लगने और भगदड़ की घटनाओं के कारण सरकार की व्यवस्था पर सवाल खड़े हो रहे हैं।

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