केंद्रीय विद्यालय में हिंदी में प्रार्थना हिंदुत्व को बढ़ावा तो नहीं, SC ने केंद्र सरकार व विद्यालय से मांगा जवाब

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आरयू वेब टीम।

केंद्रीय विद्यालयों में हिंदी में प्रार्थना क्या हिंदू धर्म का प्रचार है? अब सुप्रीम कोर्ट इस मामले की सुनवाई करेगा। इस संबंध दायच की गई एक याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने केन्‍द्र सरकार और केन्‍द्रीय विद्यालयों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने इसे एक बड़ा ही गंभीर संवैधानिक मुद्दा मानते हुए कहा कि, इस पर विचार जरूरी है।

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एक वकील ने याचिका दाखिल कर कहा कि केंद्रीय विद्यालयों में 1964 से हिंदी में सुबह की प्रार्थना हो रही है जोकि पूरी तरह असंवैधानिक है। ये संविधान के अनुच्छेद 25 और 28 के खिलाफ है और इसे इजाजत नहीं दी जा सकती है। कानून के मुताबिक, राज्यों के फंड से चलने वाले संस्थानों में किसी धर्म विशेष को बढ़ावा नहीं दिया जा सकता।

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सुप्रीम कोर्ट के अनुसार क्‍योंकि केंद्रीय विद्यालय केन्द्र सरकार के अधीन आते हैं इसलिए एक खास धर्म को बढ़ावा देना ठीक नहीं है। 2015 के आंकड़ों के मुताबिक देश भर में 1,125 केंद्रीय विद्यालय हैं, वहीं विदेश में केंद्रीय विद्यालयों की संख्या तीन है और बात की जाए केंद्रीय विद्यालयों में पढ़ने वाले कुल विद्यार्थियों की तो यह संख्या तकरीबन 11 लाख है। अब देखना है कि इस मामले में सरकार की तरफ से क्या जवाब आता है।

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