आरयू ब्यूरो,
लखनऊ। माल थाना क्षेत्र के गोपरामऊ गांव में बुधवार को गोली मारकर हुई युवती की हत्या का माल पुलिस ने 24 घंटे के अंदर ही खुलासा कर दिया है। युवती की हत्या किसी और ने नहीं बल्कि उसके सगे छोटे भाई ने ही पूरी प्लानिंग के साथ घर में की थी। युवक विरोध के बाद भी अपनी बहन द्वारा प्रेमी से बात करने को लेकर काफी नाराज था। हालांकि मौके पर पहुंची पुलिस को पंचनामे के दौरान मृतका के पहने कपड़ों से मिले मोबाइल ने इस सनसीखेज ऑनर कीलिंग का पूरा राज खोल दिया। पुलिस ने गुरुवार को आरोपित भाई को गिरफ्तार करने के साथ ही घटना में इस्तेमाल तमंचे को भी बरामद करते हुए राहत की सांस ली।
ये था मामला-
गोपरामऊ गांव निवासी होमगार्ड ओमप्रकाश यादव सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव की छोटी बहू अर्पणा यादव के घर की सुरक्षा में तैनात है। बुधवार की शाम छह बजे वो ड्यूटी पर गए थे, जबकि उनकी पत्नी गीता और 22 वर्षीय बेटा रामेंद्र यादव काकोरी के उदेतखेड़ा गांव निवासी अपने रिश्तेदार के यहां आयोजित एक वैवाहिक समारोह में हिस्सा लेने गए थे। वहीं उनकी बड़ी बेटी रेखा यादव (22) घर पर अकेली थीं।
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बुधवार की देर रात रेखा की घर में गोली मारकर हत्या कर दी गयी। सबसे पहले शव देखने वाले भाई रामेंद्र ने परिजनों को बताया कि रात 12 बजे वो घर लौटा तो रेखा की लाश चारपाई पर पड़ी थी। उसकी कनपटी पर सटाकर गोली मारी गयी थी। सूचना पाकर देर रात ही एसएसपी कलानिधि नैथानी, एसपीआरए ग्रामीण विक्रांत वीर, सीओ मलिहाबाद शेषमणि त्रिपाठी व माल पुलिस ने मौके पर पहुंचकर छानबीन की।
इस वजह से पुलिस को पहले ही हो गया था भाई पर शक
एसपी ग्रामीण विक्रांत वीर ने बताया कि छानबीन के दौरान परिस्थितियों को देखते हुए पुलिस को आभास हो गया था कि हत्या के पीछे किसी करीबी का ही हाथ है। शुरूआती पूछताछ में रामेंद्र ने पुलिस को बताया था कि जब वो घर पहुंचा तो दरवाजा अंदर से बंद था, दरवाजा के बीच से हाथ डालकर उसने कुंडी खोली तो अंदर छप्पर के नीचे बिछी चारपाई पर रेखा की लाश पड़ी थी। रामेंद्र की बात सुनने के बाद पुलिस को लगा कि कोई पड़ोस की छत से आकर रेखा की हत्या करने के बाद फरार हो गया होगा, लेकिन जब पुलिस सीढ़ी से ऊपर चढ़ी तो छत का दरवाजा भी उसे बंद मिला। जिसके बाद पुलिस का शक भाई पर गहरा गया। हालांकि मौके की नजाकत को देखते हुए पुलिस ने रेखा के पिता की तहरीर पर अज्ञात हत्यारें के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर अपनी जांच जारी रखी।
रेखा के मोबाइल इस्तेमाल करने से घरवाले भी थे अंजान
थानाध्यक्ष माल विनोद कुमार गोस्वामी ने बताया कि रेखा के शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजने से पहले उसका पंचनामा भरा जा रहा था। तभी महिला कांस्टेबल को रेखा के कपड़ों में छिपाकर रखा गया मोबाइल मिला। रेखा के मोबाइल इस्तेमाल करने के बारे में घर के किसी भी सदस्य को जानकारी नहीं थी।
हत्या के समय कॉल पर था प्रेमी
वहीं मोबाइल की जांच की गयी तो उससे आखिरी बार गांव के ही उसके प्रेमी सतेंद्र यादव ऊर्फ धाकड़ से बात करने की बात पता चली। जबकि धाकड़ के मोबाइल की जांच करने पर पता चला कि जिस समय हत्या की गयी थी उस समय रेखा के मोबाइल से धाकड़ के मोबाइल पर कॉल कनेक्ट थी। जिसके चलते रेखा व उसके भाई रामेंद्र के बीच हुई लड़ाई के साथ ही गोली चलने की आवाज भी धाकड़ के मोबाइल में रिकॉर्ड हो गयी थी।
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मोबाइल की बात से घिरा रामेंद्र तो उगली ये कहानी
थानाध्यक्ष माल के अनुसार मोबाइल में रिकॉर्ड बात सामने आने पर पुलिस ने रामेंद्र से कड़ाई से पूछताछ की तो उसने गुरुवार की शाम हत्या का पूरा घटनाक्रम बयान कर दिया। पुलिस के अनुसार धाकड़ के विवाहित होने के बाद भी रेखा का उससे प्रेम प्रसंग चल रहा था, जिसको लेकर रामेंद्र व घर के अन्य सदस्य भी धाकड़ से बात करने से रेखा को रोकते थे, लेकिन वो मानने को तैयार नहीं थी। साथ ही धाकड़ के विवाहित होने के चलते परिजन चाहते थे रेखा की कहीं और शादी करा दे, लेकिन वो इसके लिए भी राजी नहीं हो रही थी। दूसरी ओर रेखा की इन्हीं बातों से नाराज चल रहे छोटे भाई रामेंद्र ने उसकी हत्या करने की ठानी और प्लानिंग करने के साथ ही मौके की तलाश करने लगा।
कल पिता के ड्यूटी पर जाने और मां को वैवाहिक समारोह में पहुंचाने के बाद रामेंद्र देर शाम घर में अकेले मौजूद रेखा की हत्या करने की नियत से ही वहां पहुंचा और बहन से दरवाजा खोलवाकर घर में दाखिल हो गया। इस दौरान रेखा अपने प्रेमी से बात कर रही थी, हालांकि भाई को देख उसने कॉल बिना डिस्कनेक्ट किए ही मोबाइल को अपने कपड़ों में छिपा लिया।
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दूसरी ओर हत्या की नियत से घर पहुंचे रामेंद्र ने कल एक बार फिर बहन को धाकड़ के शादीशुदा होने के चलते उससे दूर रहने को कहा, लेकिन रेखा इस बार भी नहीं मानी। इसको लेकर दोनों में झगड़ा होने लगा, कुछ देर बाद रेखा वहीं रखी चारपाई पर जाकर लेटी ही थी कि रामेंद्र ने उसकी कनपटी पर तमंचा सटाकर गोली मार दी। हत्या के बाद बहन के पास मोबाइल होने की बात से पूरी तरह अंजान रामेंद्र वापस वैवाहिक समारोह में शामिल होने पहुंच गया। दोबारा देर रात लौटने पर उसने अपनी बहन की लाश मिलने की झूठी कहानी पुलिस व परिजनों को सुनाते हुए गुमराह करने की कोशिश, हालांकि रेखा की लाश के पास से मिले मोबाइल ने उसके गुनाह को सबके सामने ला दिया।