आरयू वेब टीम। रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच जहां दोनों देशों को भारी जान-माल का नुकसान झेलना पड़ रहा, वहीं यूक्रेन में मेडिकल की शिक्षा प्राप्त करने गए छात्रों का भी करियर दाव पर लग गया है। वहीं मेडिकल की पढ़ाई करने वाले स्टूडेंट्स के लिए केंद्र सरकार ने सोमवार को बड़ा ऐलान किया है। अब प्राइवेट मेडिकल कॉलेज की आधी सीटों पर सरकारी मेडिकल कॉलेज जितनी फीस लगेगी।
सोमवार को जनऔषधि दिवस पर अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कहा कि कुछ दिन पहले ही सरकार ने एक और बड़ा फैसला लिया है जिसका बड़ा लाभ गरीब और मध्यम वर्ग के बच्चों को मिलेगा। हमने तय किया है कि प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों में आधी सीटों पर सरकारी मेडिकल कॉलेज के बराबर ही फीस लगेगी।
पीएम मोदी ने कहा है कि भविष्य की चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए सरकार हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर को निरंतर मजबूत कर रही है। आजादी के इतने दशकों के बाद भी देश में केवल एक एम्स था, लेकिन आज देश में 22 एम्स है। सरकार का लक्ष्य देश के हर जिले में कम से कम एक मेडिकल कॉलेज खोलने का है।
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आज देश में 8,500 से ज्यादा जन औषधि केंद्र खुले हैं। इसी साल जन औषधि केंद्र के जरिए गरीब को, मध्यम वर्ग को करीब 5,000 करोड़ रुपये की बचत हुई है। इस वित्तीय वर्ष में जन औषधि केंद्रों के जरिए 800 करोड़ रुपये से ज्यादा की दवाएं बिकी हैं। अब तक करीब कुल 13,000 करोड़ रुपये की बचत लोगों को हुई है।