आरयू ब्यूरो, लखनऊ। स्वामी प्रसाद मौर्य की बेटी संघमित्रा मौर्य को मंगलवार को कोर्ट से राहत मिली है। लखनऊ के एमपी एमएलए कोर्ट में संघमित्रा पेश हुई, उनपर आरोप था कि उन्होंने धोखे से दूसरी शादी की। मामले में कोर्ट ने जमानत अर्जी पर आज सुनवाई की और फिर संघमित्रा को अंतरिम जमानत दे दी।
संघमित्रा को अंतरिम जमानत देते हुए उन्हें 50-50 हजार रुपये की दो जमानत दाखिल के लिए भी आदेश दिया है। दूसरी ओर मजिस्ट्रेट ने अगली सुनवाई भी दे दी। 12 अगस्त को मामले की अगली सुनवाई की जाएगी, जिसमें उन्हें व्यक्तिगत रूप से मौजूद होना होगा।
स्वामी प्रसाद मौर्य की पूर्व सांसद पुत्री संघमित्रा पर आरोप है कि बिना तलाक लिए ही उन्होंने दूसरा विवाह किया। पत्रकार दीपक कुमार स्वर्णकार का इस मामले में कहना है कि तीन जनवरी 2019 को संघमित्रा मौर्य के साथ उसका विवाह हुआ था। शादी के समय ही अभियुक्ता व उसके पिता ने जानकारी दी थी कि उसका अपने पहले पति से तलाक हो हुआ था, लेकिन आगे चलकर यह पता चला कि 2021 में अभियुक्ता का तलाक हुआ था।
ये है पूरा मामला
पत्रावली के अनुसार, अदालत में संघमित्रा व स्वामी प्रसाद मौर्या के साथ ही अन्य के खिलाफ सुशांत गोल्फ सिटी के रहने वाले वादी दीपक कुमार स्वर्णकार ने परिवाद दाखिल किया और आरोप लगाया कि वो और संघमित्रा 2016 से लिव इन रिलेशन में थे। संघमित्रा और उसके पिता स्वामी प्रसाद मौर्य ने जानकारी दी कि संघमित्रा का पहले विवाह से तलाक हुआ है ऐसे में तीन जनवरी 2019 को संघमित्रा से वादी ने उसके घर पर ही विवाह किया।
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बाद में संघमित्रा के तलाक न होने के बारे में जानकारी हुई तो विवाह की बात उजागर न हो जाए इसके लिए उस पर जानलेवा हमला भी किए गए। कोर्ट ने 19 जुलाई को ही भगोड़ा घोषित किया था क्योंकि कई बार नोटिस जारी होने पर भी कोर्ट में न हाजिर होने पर स्वामी स्वामी प्रसाद मौर्य और उनकी बेटी संघमित्रा मौर्य को एमपी एमएलए कोर्ट ने 19 जुलाई को भगोड़ा घोषित कर दिया।