आरयू वेब टीम। देश की सबसे बड़ी अदालत ने पूर्व प्रधान न्यायाधीश (सीजेआइ) रंजन गोगोई के खिलाफ यौन उत्पीड़न के मामले को बंद कर दिया है। गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने रंजन गोगोई के खिलाफ कथित यौन उत्पीड़न मामला में स्वत: संज्ञान के अधार पर शुरू हुई जांच प्रक्रिया को बंद कर दिया है। कोर्ट ने इस मामले को न्यायपालिका के खिलाफ साजिश बताया है।
सुप्रीम कोर्ट ने केस के बंद करते हुए कहा कि इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि पूर्व मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई के खिलाफ इस तरह के आरोप साजिश की संभावना को उजागर करते हैं। ऐसे मामलों को पूर्व सीजेआइ के फैसलों से जोड़ा जा सकता है, जिसमें नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन्स (एनआरसी) पर उनके विचार भी शामिल हो सकते हैं।
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बता दें कि रंजन गोगोई के खिलाफ जांच की जिम्मेदारी पूर्व न्यायमूर्ति एके पटनायक को दी गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने उन्हीं की रिपोर्ट के आधार पर अपना फैसला सुनाया है। कोर्ट ने कहा कि पूर्व न्यायाधीश एके पटनायक की रिपोर्ट में पूर्व सीजेआइ रंजन गोगोई के खिलाफ साजिश को स्वीकार किया गया है। जिसे कोर्ट नजरअंदाज नहीं कर सकती। इस मामले को दो साल बीत चुक हैं, और गोगोई को फंसाने के षड्यंत्र की जांच में इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड हासिल करने की संभावना बहुत ही कम रह गई है।
गौरतलब है कि पूर्व सीजेआइ के खिलाफ साल 2019 में एक महिला ने कथित रूप से यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए थे। सुप्रीम कोर्ट के वकील उत्सव बैंस ने भी पूर्व सीजेआइ रंजन गोगोई के खिलाफ यौन शोषण के आरोपों के पीछे षड्यंत्र का दावा किया था।