आरयू ब्यूरो, लखनऊ। भाजपा के पूर्व सांसद बृजभूषण शरण सिंह को लखनऊ हाई कोर्ट ने बड़ी राहत दी है। कोर्ट ने चुनावी आचार संहिता उल्लंघन (धारा 144) करने के मामले में उनके खिलाफ दर्ज मुकदमे को खारिज कर दिया है। न्यायमूर्ति राजेश सिंह चौहान की एकल पीठ ने यह फैसला सुनाया।
राज्य सरकार ने बृजभूषण के खिलाफ चल रहे मुकदमे को वापस लेने का प्रार्थना पत्र दिया था। पहले निचली अदालत ने इस प्रार्थना पत्र को खारिज कर दिया था। हाईकोर्ट ने निचली अदालत का यह आदेश भी निरस्त कर दिया। याची के विरुद्ध गोंडा जनपद के कोतवाली नगर में वर्ष 2014 में आइपीसी की धारा-188 व 141 के तहत एफआइआर दर्ज की गई थी। उन पर आरोप लगा था कि उन्होंने सीआरपीसी की धारा 144 का उल्लंघन करते हुए लोक सेवा की विधिवत रूप से प्रख्यापित आदेश की अवहेलना कि व सदोष अवरोध उत्पन्न किया।
मामले में विवेचना के उपरांत पुलिस ने सांसद के खिलाफ निचली अदालत में आरोप पत्र प्रेषित कर दिया था। जिस पर संज्ञान लेते हुए एसीजेएम प्रथम गोंडा ने 22 जनवरी 2018 को सांसद को हाजिर होने के लिए संबंध आदेश पर जारी किया था। आरोप पत्र व सम्मन आदेश को चुनौती देते हुए सांसद की ओर से दलील दी गई कि सीआरपीसी के प्रावधानों के अंतर्गत आईपीसी की धारा 188 (लोक सेवा के आदेश की अवहेलना) के तहत सरकारी अधिकारी द्वारा मात्र परिवाद दाखिल किया जा सकता है।
धारा 141 (सदोष अवरोध कारित करना) के तहत एक माह के कारावास अथवा 500 रुपए जुर्माना अथवा दोनों की सजा को देखते हुए याची की ओर से प्रार्थना की गई कि वह दस दिनों के भीतर संबंधित अदालत के समक्ष हाजिर होकर उक्त अपराध स्वीकारोक्ति कर लेंगे।