अकबर नगर में गम-गुस्‍से के बीच गरजी LDA की JCB, हाईकोर्ट की रोक ने लौटाई जनता की मुस्‍कान

अकबर नगर में जेसीबी
ध्‍वस्‍तीकरण के दौरान महिलाएं नहीं रोक सकीं आंसू।

आरयू ब्‍यूरो, लखनऊ। कुकरैल नाले को संवारने के लिए अकबर नगर में आज लखनऊ विकास प्राधिकरण ने जिला प्रशासन, पुलिस व नगर निगम के सहयोग से कुछ अवैध कब्‍जों पर जेसीबी चलाई। सुबह शुरू हुई कार्रवाई के दौरान अकबर नगर एक व दो के निवासियों व दुकानदारों में एलडीए की कार्रवाई के प्रति जबरदस्‍त रोष नजर आया। वहीं कड़कड़ाती ठंड में घर व दुकान के जमीदोज हो जाने के गम में खासकर महिलाएं व बच्‍चे गमगीन हो अधिका‍रियों से हाथ जोड़ मोहलत देने के लिए मिन्‍नतें करते नजर आएं। हालांकि दोपहर करीब तीन बजे हाईकोर्ट ने ध्‍वस्‍तीकरण पर रोक लगाते हुए अगली सुनवाई की तारीख 22 जनवरी तय की तो बेघर व बेरोजगार होने के डर से सहमें हजारों लोगों ने राहत की सांस ली।

अकबर नगर में जेसीबी

इससे पहले आज सुबह ही एलडीए, जिला प्रशासन, नगर निगम की टीम  पुलिस, पीएसी व आरएएफ के साथ अकबर नगर ध्‍वस्‍तीकरण की कार्रवाई के लिए पहुंची थी। उनसे पहले दर्जनों जेसीबी व पोकलैंड भी मौके पर पहुंचे चुके थे। कार्रवाई की आहट के साथ विरोध-प्रदर्शन शुरू होते ही पुलिस ने बल प्रयाग कर लोगों को शांत कराया। इस दौरान भाजपा मंडल अध्यक्ष मंगल झा ने अपने समर्थकों के साथ कार्रवाई रोकने की कोशिश की तो पुलिस ने पिटाई करने के साथ ही प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लेकर महानगर कोतवाली पहुंचाया। इस बीच व्‍यापारियों ने दुकानों से सामान निकालने की मोहलत लेते हुए दुकान खाली करना शुरू किया, हालांकि इसमें देर लगने पर दोपहर करीब दो बजे तक लगभग आधा दर्जन फर्नीचर व अन्‍य सामानों की दुकानों को आंशिक रूप से तोड़ा जा सका।

अकबर नगर में जेसीबी

बिना सूचना रोका गया रास्‍ता, घंटों परेशान रहें राहगीर

दूसरी ओर बवाल की आशंका को देखते हुए कार्रवाई के दौरान आज बादशाहनगर से लेखराज मार्केट के बीच पूरी तरह से रास्ता बंद कर दिया गया था। सिर्फ एंबुलेंस व बेहद जरूरी वाहनों को जांच के बाद आने-जाने दिया जा रहा था। बिना किसी पूर्व सूचना के रास्ता बंद हो जाने से लंबा जाम भी लगा रहा और हजारों राहगीरों को घंटों परेशानी का सामना करना पड़ा।

अकबर नगर में जेसीबी

इस बीच इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने अकबर नगर में दुकान व मकानों को ढहाने की कार्रवाई पर रोक लगाते हुए अगले चार सप्ताह तक यथास्थिति बहाल रखने का आदेश दिया। कोर्ट ने कहा वहां के निवासियों को दूसरी जगह पुनर्वासित किए जाने तक वहां से न हटाया जाए।

दोपहर करीब तीन बजे न्यायमूर्ति पंकज भाटिया की एकल पीठ ने यह आदेश 26 याचिकाओं पर लंबी सुनवाई के बाद दिया। याचिकाओं में अकबर नगर में निवासियों को हटाने और उनकी दुकान व मकान ढहाने की एलडीए की कार्रवाई को चुनौती दी गई थी। मामले की अगली सुनवाई 22 जनवरी को होगी।

हाईकोर्ट का आदेश आने के बाद अकबर नगर में लोगों ने राहत की सांस लेते हुए एक-दूसरे को इसकी बधाई। वहीं इसके बाद कार्रवाई करने वाली टीम भी शाम तक वापस लौट गई। हालांकि हाईकोर्ट के आदेश का अध्‍ययन करते हुए एलडीए के अफसर रात तक इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाने के लिए मंथन करते रहें।

अकबर नगर में जेसीबी

अफसर भी दोषी, जनता का रखा जाए ध्‍यान: संजय गुप्‍ता

वहीं अकबर नगर की जनता, भाजपा, कांग्रेस व सपा नेताओं के साथ ही उत्तर प्रदेश आदर्श व्यापार मंडल के प्रदेश अध्यक्ष संजय गुप्ता ने भी कार्रवाई के प्रति नाराजगी जाहिर की है। संजय गुप्‍ता ने कहा कि अवैध कब्‍जे व निर्माण के लिए सिर्फ जनता ही दोषी नहीं है। इसके लिए विभागों के तत्‍कालीन अफसर व इंजीनियर भी जिम्‍मेदार हैं, जिन्‍होंने शुरूआत में अवैध कब्‍जे व निर्माण को संरक्षण दिया। उन्‍होंने अपना काम ईमानदारी से किया होता तो आज यह नौबत ही नहीं आती, इसलिए दोषी अधिकारियों पर भी कार्रवाई की जानी चाहिए। साथ ही व्‍यापारी व जनता को उजाड़ने से पहले उन्‍हें बसाने पर भी ध्‍यान दिया जाना चाहिए।

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