आरयू वेब टीम। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और सांसद राहुल गांधी इन दिनों “भारत जोड़ो यात्रा” में व्यस्त हैं। इस बीच राहुल गांधी की अगुवाई में जारी “भारत जोड़ो यात्रा” के इंदौर के खालसा स्टेडियम में 28 नवंबर को संभावित रात्रि विश्राम तय किया गया है। जानकारी के अनुसार रात्रि विश्राम के दौरान बम से उड़ाने की धमकी दी गयी है, जिसके बाद पुलिस प्रशासन हरकत में आ गया है।
बताया जा रहा है कि अज्ञात व्यक्ति द्वारा पत्र लिखकर धमकी दी गयी है। धमकी पर पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। मामले को लेकर पुलिस आयुक्त हरिनारायणचारी मिश्रा ने बताया कि जूनी इंदौर क्षेत्र में मिठाई-नमकीन की एक दुकान के पते पर अज्ञात व्यक्ति द्वारा पत्र भेजा गया है और धमकी दी गयी है कि यदि गांधी नीत भारत जोड़ो यात्रा खालसा स्टेडियम में रात्रि विश्राम करती है तो शहर में बम विस्फोट हो सकते हैं। पत्र में गांधी को बम से उड़ाने की बात सीधे तौर पर नहीं की गयी है।
पुलिस आयुक्त हरिनारायणचारी मिश्रा ने आगे बताया कि इस पत्र के आधार पर पुलिस ने भारतीय दंड विधान की धारा 507 (अज्ञात व्यक्ति द्वारा आपराधिक धमकी) के तहत प्राथमिकी दर्ज की है। धमकी भरे पत्र की जांच शुरू कर दी गयी है, हालांकि हमें संदेह है कि यह हरकत किसी शरारती तत्व ने की है।
बम विस्फोट की धमकी भरे पत्र के बाद प्रदेश कांग्रेस सचिव नीलाभ शुक्ला ने मांग की कि इसकी गंभीरता से जांच की जाए और राहुल गांधी की “भारत जोड़ो यात्रा” के इंदौर में प्रवेश के बाद सुरक्षा के इंतजाम बढ़ाने का काम किया जाए।
बताते चलें कि खालसा स्टेडियम से जुड़े विवाद की शुरुआत तब हुई, जब आठ नवंबर को इस स्थान पर गुरु नानक जयंती के धार्मिक कार्यक्रम में कमलनाथ के स्वागत-सम्मान के बाद मशहूर कीर्तनकार मनप्रीत सिंह कानपुरी ने वर्ष 1984 के सिख विरोधी दंगों की हिंसा की ओर स्पष्ट इशारा किया था और आयोजकों पर तीखे शब्दों में मंच से नाराजगी जतायी थी।
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विवाद के बाद भाजपा के स्थानीय नेताओं ने घोषणा की है कि यदि गांधी की अगुवाई वाली “भारत जोड़ो यात्रा” के साथ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने इस स्टेडियम में कदम रखा, तो भाजपा कार्यकर्ता काले झंडे दिखाकर उनका विरोध करेंगे। वर्ष 1984 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद भड़के सिख विरोधी दंगों में कमलनाथ की भूमिका को लेकर भाजपा नेताओं द्वारा अक्सर आरोप लगाया जाता रहा है, लेकिन कमलनाथ और कांग्रेस के अन्य आला नेता इसे सिरे से खारिज करते रहे हैं।