आरयू वेब टीम। सुप्रीम कोर्ट से कांग्रेस सांसद राहुल गांधी को बड़ी राहत मिली है। कोर्ट ने इलाहाबाद हाइ कोर्ट के उस आदेश पर रोक लगा दी है, जिसमें लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी के खिलाफ उत्तर प्रदेश की एक ट्रायल कोर्ट की ओर से जारी समन को रद्द करने से इनकार कर दिया गया था। राहुल को उनके खिलाफ दायर वीडी सावरकर मानहानि मामले में समन किया गया था।
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी को विनायक दामोदर सावरकर पर उनकी टिप्पणी के लिए फटकार लगाई। कोर्ट ने कहा कि हमें अपने स्वतंत्रता सेनानियों का मजाक नहीं उड़ाना चाहिए, हालांकि शीर्ष अदालत ने उत्तर प्रदेश में उनकी टिप्पणी के लिए दर्ज मामले में राहुल गांधी के खिलाफ आपराधिक कार्यवाही पर रोक लगा दी।
न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता और जस्टिस मनमोहन की पीठ ने राहुल गांधी को भविष्य में इस तरह के कोई भी बयान न देने की चेतावनी भी दी, क्योंकि शीर्ष अदालत इस तरह की टिप्पणियों पर स्वत: संज्ञान ले सकती है।
पीठ ने कांग्रेस नेता की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक सिंघवी से पूछा कि क्या राहुल गांधी जानते हैं कि महात्मा गांधी भी अंग्रेजों के साथ अपने संवाद में आपका वफादार सेवक जैसे शब्दों का इस्तेमाल करते थे।
शीर्ष अदालत ने शिकायतकर्ता नृपेंद्र पांडे को नोटिस जारी किया। उन्होंने ही राहुल गांधी पर एक रैली के दौरान जानबूझकर सावरकर का अपमान करने का आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज कराई थी। कांग्रेस नेता की याचिका पर उत्तर प्रदेश सरकार से जवाब मांगा।
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राहुल गांधी ने इलाहाबाद हाइ कोर्ट के उस आदेश को चुनौती देते हुए शीर्ष अदालत का रुख किया, जिसमें मामले में उनके खिलाफ जारी समन को रद्द करने से इनकार कर दिया गया था। पेशे से वकील पांडे ने राहुल गांधी के खिलाफ वर्गों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने और सार्वजनिक शरारत जैसे कथित अपराधों के लिए विभिन्न दंड प्रावधानों के तहत मामला दर्ज कराया था।