आरयू संवाददाता,
लखनऊ। राजधानी के लोहिया पथ से जहां आज पूर्वान्ह एटीएस की टीम ने आतंकियों से संबंध रखने वाले गाजीपुर निवासी युवक को गिरफ्तार किया है, वहीं शाम को पीजीआई इलाके की वृन्दावन कॉलोनी में आतंकियों के घुसने की सूचना पर दहशत फैल गयी।
कॉलोनी के एक फ्लैट में शादी की तैयारियां चल रही थी, इसी बीच एक गुमान कॉल के जरिए आतंकियों से बचाने की गुहार लगाने वाली कॉल आने के बाद पुलिस घंटों हलाकान रही। बाद में पुलिस सूचना को फर्जी बताते हुए किसी की शरारत होने की बात कहते हुए लौट गयी। हालांकि दहशत के चलते देर रात तक कॉलोनीवासी तरह-तरह की चर्चा करते रहें। कुछ लोग इसे मात्र वैवाहिक समारोह में खलल पहुंचाने वाली कॉल मान रहें थे। वहीं काफी लोगों ने इसे आतंकियों से जुड़ी गतिविधि करार दिया। पुलिस के साथ ही एटीएस और डॉग स्क्वॉएड की टीम ने मौके पर पहुंचकर छानबीन की।
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इंस्पेक्टर पीजीआइ ने बताया वृन्दावन कॉलोनी के सेक्टर छह स्थित आकाश इन्कलेव के फ्लैट संख्या बी-3 407 में डॉ. धनंजय द्विवेदी के बेटे के शादी की तैयारी चल रही थी, तभी शाम करीब सात बजे इण्टरकॉम फोन पर किसी दूसरे फ्लैट के इण्टरकॉम के जरिए कॉल आयी। मेहमान के तौर पर घर में मौजूद ऊषा श्रीवास्तव ने कॉल रिसीव की तो दूसरी ओर से किसी महिला ने अपने फ्लैट में आतंकियों के घुसने के साथ ही खुद को बचाने की गुहार लगायी। जिसके बाद कॉल कट गयी।
शादी के घर में इस तरह की कॉल आने से हड़कंप मच गया। धनंजय द्विवेदी की पत्नी आशा ने इसकी जानकारी अपार्टमेंट के सिक्योरिटी सुपरवाइजर धीरज दूबे को दी। सुपरवाइजर की सूचना पर पीजीआई पुलिस ने मौके पर पहुंचकर छानबीन शुरू की। आतंकियों के होने बात की सुगबुगाहट लगते ही कुछ ही देर में कॉलोनी के सैकड़ों लोग अपने फ्लैट से बाहर और बरामदों में निकल आएं। वहीं बाद में सीओ कैंट के अलावा एटीएस और डॉग स्क्वॉएड की टीम ने मौके पर पहुंचकर छानबीन करने के साथ ही लोगों से पूछताछ की।
कॉलोनीवासियों में दिखी नाराजगी
इतनी गंभीर सूचना मिलने के बाद भी पुलिस की ढिलाई से कालोनीवासियों में शुरूआती दौर में पुलिस के प्रति नाराजगी दिखी। कॉलोनी वालों का कहना था कि इतना संगीन मामला होने के बाद भी पीजीआई पुलिस ने तेजी नहीं दिखाई। सूचना के करीब दो घंटे तक वह कॉलोनी के पार्कों में ही टहलती रही, जबकि आतंकी अगर किसी फ्लैट में होते तो घरवालों के साथ कोई भी घटना को अंजाम देकर निकल सकते थे। पुलिस के आलाअधिकारी की मौजूदगी के नाम पर सीओ कैंट भी रात करीब नौ बजे मौके पर पहुंची।
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वहीं सीओ कैंट ने बताया कि जानकारी के बाद पुलिस व एटीएस की टीम ने डॉग स्क्वॉएड के साथ करीब साढ़े छह सौ फ्लैटों और बेसमेंट की पड़ताल की है। फिलहाल अभी तक आतंकियों के होने वाली बात सही नहीं लग रही है। अफवाह के साथ दहशत फैलाने वाले का पता लगाने के लिए पुलिस की साइबर एक्सपर्ट की टीम से बात की जा रही है कि किस तरह से इण्टरकॉम कॉल करने वाले का पता लगाया जा सकता है। पता लगते ही जिस फ्लैट से कॉल आयी होगी उसके खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की जाएगी।