आरयू संवाददाता,
लखनऊ। राजधानी पुलिस के लाख दावों के बाद भी अपराध पर लगाम नहीं लग पा रही है। मलिहाबाद इलाके में हत्या के बाद सुन्नी वक्फ बोर्ड के एक कर्मचारी की लाश मंगलवार को मिलने पर एक बार फिर ये बात साबित हो गयी। कर्मचारी के शरीर पर कई जगाहों पर चोट के निशान होने के साथ ही उसकी लाश एक गढ्ढे में पड़ी थी।
सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस ने छानबीन के बाद शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है। हत्या के पीछे पुरानी रंजिश की बात सामने आई है। मृतक के बेटे की तहरीर पर पुलिस गांव के ही पांच लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करते हुए मामले की जांच कर रही है।
मलिहाबाद पुलिस के मुताबिक क्षेत्र के लोधई गांव निवासी करीब 56 वर्षीय अलाउद्दीन अहमद राजधानी के सुन्नी वक्फ बोर्ड कार्यालय में बतौर चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के रूप में काम कर रहे थे। अलाउद्दीन के बेटे सईद ने पुलिस को बताया कि रोज की तरह सोमवार को भी अलाउद्दीन वक्फ बोर्ड गए थे।
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कल कार्यालय से वापस नहीं लौटने पर परिजनों ने उन्हें काफी ढूंढा लेकिन देर रात उनका कोई पता नहीं चल सका। आज सुबह ग्रामीण शौच के लिए जा रहे थे तभी रहीमाबाद के कृषि फर्म के ट्यूबवेल वाले गढ्ढे में अलाउद्दीन की लाश देख इसकी जानकारी उनके घर पर दी। अलाउद्दीन के हत्या की खबर लगते ही परिजनों में रोना-पीटना मच गया। भागते हुए मौके पर पहुंचे घरवालों ने इसकी जानकारी पुलिस को दी। मृतक के शरीर पर जगह-जगह चोट के निशान होने के साथ ही सिर भी पानी में डूबा हुआ था, जिससे ग्रामीण आशंका जता रहे थे कि हत्या से पहले बदमाशों ने उनकी पिटाई की होगी जिसके बाद पानी में डुबाकर उन्हें मार डाला होगा।
दो दशक पुरानी रंजिश में हत्या की आशंका
सीओ मलिहाबाद ने बताया कि बेटे सईद ने करीब दो दशक पहले उन्नाव में हुई एक घटना को लेकर शुरू हुई रंजिश के चलते गांव के ही पांच लोगों के खिलाफ मलिहाबाद कोतवाली में तहरीर दी है। तहरीर के आधार पर पुलिस राजेंद्र नाथ पाण्डेय, राघवेंद नाथ पाण्डेय, ओमकार नाथ पाण्डेय, कमलेश नाथ पाण्डेय व असलम के खिलाफ भदवि की धारा 302/34 के तहत मुकदमा दर्ज किया है। पुलिस आरोपितों से पूछताछ करने के साथ ही अन्य बिन्दुओं पर भी जांच कर रही है।