राज्यसभा में PM मोदी ने किया दावा, हम चाहतें हैं मिडिल क्लास का सामर्थ्य बढ़ाना, कांग्रेस पर भी बोला हमला

पीएम मोदी
राज्यसभा में धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा का जवाब देते प्रधानमंत्री मोदी।

आरयू वेब टीम। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्यसभा में धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि राष्ट्रपति ने विस्तार से चर्चा की है, देश को आगे की दिशा भी दिखाई है। साथ ही कहा कि राषट्रपति जी का अभिभाषण प्रभावी भी था और हम सबके लिए भविष्य के काम पर मार्गदर्शक भी था। इसे जिसने जैसा समझा, वैसे समझाया। सबका साथ, सबका विकास पर यहां बहुत कुछ कहा गया। इसमें कठिनाई क्या है। ये तो हम सबका दायित्व है। जहां तक कांग्रेस का सवाल है, उनसे इसके लिए कोई अपेक्षा करना बहुत बड़ी गलती होगी। ‘कांग्रेस के मॉडल में फैमिली फर्स्ट सर्वोपरि रहा’, लेकिन हम हम मिडिल क्लास के सामर्थ्य को बढ़ाना चाहते हैं।

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पीएम मोदी ने कहा कि,  ये उनकी सोच, समझ के बाहर है और रोडमैप में भी सूट नहीं करता। इतना बड़ा दल एक परिवार के लिए समर्पित हो गया है। उसके लिए ये संभव ही नहीं है। देश की जनता ने हमें तीसरी बार लगातार सेवा का मौका दिया। ये बताता है कि देश की जनता ने हमारे विकास के मॉडल को परखा है, समझा है और समर्थन दिया है। हमारा ये मॉडल एक शब्द में कहना हो तो कहूंगा- नेशन फर्स्ट। इसी उम्दा भावना के साथ वाणी-वर्तन, नीतियों में  इसी एक बात को मानदंड मानकर सेवा करने का प्रयास किया है।

इनकी नजर होती थी वोट की खेती पर

कांग्रेस पर हमला बोलते हुए मोदी ने कहा कि, झुनझुना बांटना, लोगों की आंखों पर पट्टी बांधकर अपनी सियासत को चलाए रखना। इनकी नजर वोट की खेती पर होती थी। हमारी कोशिश रही है कि भारत के पास जो भी संसाधन हैं, उनका इष्टतम उपयोग किया जाए। जो समय है, उसको भी बर्बादी से बचाकर के पल-पल का उपयोग जनकल्याण के लिए, देश की प्रगति के लिए खर्च हो। हमारी सरकार ने एससी-एसटी एक्ट को मजबूत बनाकर दलित-आदिवासी समाज के प्रति सम्मान भी दिखाया, प्रतिबद्धता भी दिखाई। आज जातिवाद का जहर फैलाने के लिए भरपूर प्रयास हो रहा है।

उनके राजनीति को ये सूट नहीं करता…

पीएम मोदी ने कहा कि आज जातिवाद के जहर फैलान के लिए भरपूर प्रयास हो रहा है। लेकिन तीन-तीन दशक दोनों सदन के ओबीसी एमपी और सभी दलों के ओबीसी एमपी सरकारों से मांग करते रहे थे कि ओबीसी आयोग को संवैधानिक दर्जा दिया जाए, ठुकरा दिया गया। इनकार किया गया क्योंकि शायद उस समय उनके राजनीति को ये सूट नहीं करता था। हम सबने मिलकर तीन-तीन दशक से मेरे ओबीसी समाज ने जिस बात की मांग की थी हमने आकर इस आयोग को संवैधानिक दर्जा दिया।

गरीब को दस फीसदी आरक्षण दिया

पीएम मोदी ने कहा कि हमारे लिए इनका मान-सम्मान भी उतना ही महत्वपूर्ण है। देश में जब-जब आरक्षण का विषय आया, उसको एक तंदुरुस्त तरीके से सत्य को स्वीकार करते हुए करने का प्रयास नहीं हुआ। दुश्मनी पैदा करने वाले तरीके अपनाए गए। पहली बार हमारी सरकार ने एक ऐसा मॉडल दिया कि हमने सामान्य वर्ग के गरीब को दस फीसदी आरक्षण दिया, बिना तनाव के, बिना किसी का छीने। एससी-एसटी, ओबीसी ने भी इसका स्वागत किया।  पूरे राष्ट्र ने इस बात को स्वीकार किया।

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