आरयू वेब टीम। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए छह राज्यों में लाइट हाउस प्रोजेक्ट का उद्धाटन किया। इस प्रोजेक्ट में केंद्र और राज्य सरकारें मिलकर ग्लोबल हाउसिंग टेक्नोलॉजी चैलेंज-इंडिया (जीएचटीसी) के तहत लखनऊ (उत्तर प्रदेश), अगरतला (त्रिपुरा), रांची (झारखंड), इंदौर (मध्य प्रदेश), राजकोट (गुजरात) और चेन्नई (तमिलनाडु) में एक हजार आवासों का निर्माण किया जाना है, जिसे एक साल के भीतर पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। जिसमें गरीबों को सस्ते, भूकंप रोधी और मजबूत मकान मुहैया कराएगी।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा आज मध्यम वर्ग के लिए घर बनाने के लिए देश को नई तकनीक मिल रही है। ये छह लाइट हाउस प्रोजेक्ट देश को आवास निर्माण की दिशा में राह दिखाएंगे। मोदी ने कहा कि ये को ऑपरेटिव फेडरलिज्म की मिसाल है। ये लाइट हाउट प्रोजेक्ट आधुनिक तकनीक से बनेंगे। ये ज्यादा मजबूत होंगे और गरीबों को सुविधाजनक और आरामदायक घर मिलेगा।
रोजाना बनेंगे ढाई से तीन मकान
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि लाइट हाउस प्रोजेक्ट के तहत देश के छह शहरों में 365 दिनों में एक हजार मकान बनेंगे। इसका मतलब ये है कि रोजाना ढाई से तीन मकान बनेंगे। साथ ही पीएम ने कहा कि इंजीनियर, विद्यार्थियों और प्रोफेसरों से अपील की कि वे इन साइटों पर जाएं और इन प्रोजेक्ट का अध्ययन करें। इन सभी प्रोजेक्ट के लिए विदेशी तकनीक का सहारा लिया गया है, आप इसका अध्ययन करें और ये देखें कि क्या ये भारत के लिए सही है या फिर इसमें कुछ सुधार की गुंजाइश है।
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वहीं प्रधानमंत्री ने यह भीे कहा कि कुछ साल पहले तक घर खरीदने वालों की बुरी हालत हुआ करती थी। घर के सपने को साकार करना मुश्किल काम था। पैसा दे देने पर भी मकान नहीं मिलता था, मकान खरीदने वाला पैसा चुका देता था और घर मिलने का इंतजार करता रहता था। मगर हमारी सरकार ने इस रवैये को बदल दिया है।
सपनों को लग जाता है पंख
पीएम ने कहा कि घर की चाभी मिलना सिर्फ दरवाजा या दीवार का मालिकाना हक मिलना नहीं होता है। ये चाभी लोगों के विकास और उनकी प्रगति का द्वार खोल देती है, ये घर की चाभी दिमाग के द्वार खोल देती है, इससे लोगों के सपनों को पंख लग जाता है, इससे व्यक्ति को अपने समाज में सम्मान मिलता है।
जलवायु और इकोलॉजी का ध्यान रखते हुए…
इस प्रोजेक्ट की बात की जाए तो लाइट हाउस प्रोजेक्ट के लिए जिन राज्यों को चुना गया है उनमें त्रिपुरा, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, तमिलनाडु, झारखंड और गुजरात हैं। लाइट हाउस प्रोजेक्ट केंद्रीय शहरी मंत्रालय की महत्वाकांक्षी योजना है, जिसके तहत लोगों को स्थानीय जलवायु और इकोलॉजी का ध्यान रखते हुए टिकाऊ आवास प्रदान किए जाते हैं।
इस प्रोजेक्ट में खास तकनीक का इस्तेमाल कर सस्ते और मजबूत मकान बनाए जाते हैं। इस प्रोजेक्ट में फैक्टरी से ही बीम-कॉलम और पैनल तैयार कर घर बनाने के स्थान पर लाया जाता है, इसका फायदा ये होता है कि निर्माण की अवधि और लागत कम हो जाती है। इसलिए प्रोजेक्ट में खर्च कम आता है। इस प्रोजेक्ट के तहत बने मकान पूरी तरह से भूकंपरोधी होंगे। कार्यक्रम को उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, त्रिपुरा, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, झारखंड और गुजरात के मुख्यमंत्री भी शामिल हुए।