आरयू वेब टीम। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने अपनी पॅालिसी का ऐलान कर दिया है। जिसमें घर व कार लेने वालों की ईएमआई में कमी नहीं आएगी। आरबीआइ के फैसले से लोन लेने वाले व ईएमआइ चुकाने वालों की उम्मीदों को धक्का लगा है। रेपो रेट लगातार बढ़ने के बाद लोग कमी की उम्मीद लगा रहे थे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। आरबीआई ने रेपो रेट को यथावत ही रखा है, हालांकि महंगाई को लेकर चिंता जाहिर की है। आरबीआइ गवर्नर शक्तिकांत दास ने महंगाई के लिए सब्जियों के दाम को भी जिम्मेदार ठहराया है।
आरबीआई गवर्नर के मुताबिक रेपो रेट 6.5 प्रतिशत पर बना रहेगा। साथ ही अपना तर्क दिया कि महंगाई को काबू करने के लिए ही आरबीआइ ने रेपो रेट में 2.5 फीसदी की बढ़ोतरी कर इसे 6.5 फीसदी कर दिया था, लेकिन इस बार ऐसा करने की कोई जरूरत नहीं है।
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शक्तिकांत दास के मुताबिक, भारतीय अर्थव्यवस्था की स्थिति मजबूत बनी हुई। ज्यादातर कंपनीज की बैलेंस सीट भी मजबूत स्थिति में है। यही नहीं ग्रामीण अर्थव्यवस्था में भी सुधार की खबरें हैं। वित्त वर्ष 2024 के लिए जीडीपी ग्रोथ अनुमान को 6.5 प्रतिशत पर बरकरार रखा गया है, हालांकि आरबीआइ गवर्नर ने यह भी कहा कि वैश्विक ब्याज दरें अभी हाई पर बनी रहेंगी। साथ ही सरकारी खर्चों का जिक्र करते हुए कहा कि इनमें इजाफा हुआ है।
गवर्नर के अनुसार रेपो रेट में बदलाव न होना अपने आप में अच्छा संकेत है। सब्जियों के दामों में जरूर महंगाई को बढ़ा दिया है। इसे नियंत्रित किया जाएगा, ताकि देश के लोगों को महंगाई की मार न झेलनी पड़े।
खाने-पीने की खाद्य सामग्री महंगी होना चिंता का विषय
आरबीआई गवर्नर ने बताया कि भारतीय अर्थव्यवस्था ने महंगाई को काफी हद तक नियंत्रित किया है, लेकिन खाने-पीने चीजों का महंगा होना वास्तव में चिंता का विषय है। दास ने द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा की घोषणा करते हुए कहा कि वैश्विक स्तर पर भारतीय अर्थव्यवस्था की स्थिति मजबूत बनी हुई है। ”वित्त वर्ष 2024 में महंगाई दर 5.1 प्रतिशत से बढ़कर 5.4 प्रतिशत पहुंचने की आशंका है।